DNA Analysis: बारिश में डूबते महानगर के बाद अब महानगरों की एक और बड़ी समस्या का विश्लेषण करेंगे. जो जानलेवा बनती जा रही है. मुंबई में सड़क के गड्ढों की वजह से एक शख्स की जान चली गई.
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DNA Analysis: बारिश में डूबते महानगर के बाद अब महानगरों की एक और बड़ी समस्या का विश्लेषण करेंगे. जो जानलेवा बनती जा रही है, हम बात कर रहे हैं गड्ढे वाली सड़कों की. जिसकी समस्या को सिस्टम दुरुस्त नहीं कर पाया है. सड़क के गड्ढे वाली समस्या को आज आपके सामने लाने की वजह, एक दर्दनाक हादसा है. मुंबई में सड़क के गड्ढों की वजह से एक शख्स की जान चली गई.
लालू कांबले किसी काम से पवई जा रहे थे. तभी उनकी स्कूटी एक गड्ढे में जाकर गिरी. लालू कांबले भी सड़क किनारे गिर गए और तभी पीछे से आते एक ट्रक ने उन्हें कुचल दिया. पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया लेकिन लालू कांबले का परिवार और उनके नजदीकी मानते हैं कि उनकी मौत की वजह ट्रक ड्राइवर से ज्यादा मुंबई की सड़क के गड्ढे और सड़कों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार BMC है.
मुंबई को कोई सपनों का शहर कहता है तो कोई देश की आर्थिक राजधानी पहचान बड़ी है लेकिन व्यवस्था इतनी कमजोर कि सालों तक हादसों और शिकायतों के बाद भी मुंबई की सड़कों से गड्ढे खत्म नहीं हो पाए हैं. मायानगरी मुंबई में सड़क पर गड्ढों की स्थिति क्या है, ये समझने के लिए आपको BMC के आंकड़े गौर से देखने चाहिए.
BMC ने जो आंकड़े जारी किए हैं. उसके मुताबिक वर्ष 2024 में जुलाई के महीने तक सड़कों पर 4983 गड्ढे चिन्हित किए गए थे. जबकि जुलाई 2025 में ये आंकड़ा है 5138. यानी तकरीबन 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी गड्ढों की संख्या बढ़ गई लेकिन गड्ढों की मरम्मत करने वाली मशीनों की संख्या कम हो गई है. वर्ष 2024 में गड्ढे भरने वाली 33 मशीन प्रतिदिन काम करती थीं लेकिन इस साल इन मशीनों की संख्या घटकर 24 हो गई है.