Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसके बाद कई सवाल जहन में आ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर दोनों इंजनों का फ्यूल कैसे बंद हुआ.
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Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कीप्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है. शनिवार तड़के सार्वजनिक की गई 15 पन्नों की रिपोर्ट में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट पढ़ने के बाद जो सबसे बड़ा सवाल जहन में आ रहा है, वो यह है कि विमान के दोनों इंजन का फ्यूल बंद हो गया था? आखिर यह कैसे हुआ?
रिपोर्ट में बताया गया कि टेकऑफ के महज 7 सेकंड बाद दोनों इंजनों में ईंधन बंद हो गया और अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर दोनों इंजनों का फ्यूल कैसे बंद हुआ. बताया जा रहा है कि दोनों इंजनों में फ्यूल कट-ऑफ सिर्फ एक सेकंड के अंतर से हुआ. इस संबंध में जब कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग सुनी गई तो पता चलता है कि एक पायलट दूसरे से पूछता है,'तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?' दूसरा पायलट जवाब देता है,'मैंने नहीं किया.' यह हिस्सा रिपोर्ट का सबसे अहम है, क्योंकि अगर किसी पायलट ने जानबूझकर फ्याल बंद किया है और वह मना भी कर रहा है तो यह गंभीर मामला है.
हालांकि यह रिपोर्ट इस तरफ भी इशारा कर रही है कि शायद यह टेक्निकल फॉल्ट था. क्योंकि रिपोर्ट में 2018 में अमेरिकी एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की तरफ से जारी की गई चेतानवी का भी जिक्र है. रिपोर्ट में बोइंग 787 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉक होने की खराबी की चेतावनी दी गई थी. रिपोर्ट यह भी बताती है कि एअर इंडिया ने इस सलाह को जरूरी नहीं माना और संबंधित जांच नहीं करवाई.
विमान VT-ANB में 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल बदला गया था, लेकिन फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़ी कोई खराबी दर्ज नहीं की गई. FAA और इंजन निर्माता GE ने 2021 में एक और सर्विस बुलेटिन जारी किया था, जिसमें 'MN4 माइक्रोप्रोसेसर' को बदलने की सिफारिश की गई थी. इसमें कहा गया था कि 'पुराने माइक्रोप्रोसेसर में थर्मल साइकल के कारण सोल्डर बॉल फेल हो सकता है,' जो फ्लाइट सेफ्टी के लिए खतरा बन सकता है.
AAIB ने कहा कि इस समय कोई साफ वजह तय नहीं हो पाई है और B787 या उसके इंजनों को लेकर कोई फौरन सुरक्षा निर्देश भी नहीं दिए गए हैं. अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की संभावना है. फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है कि इतनी खतरनाक तकनीकी खराबी आखिर कैसे हुई, जिसने 270 जिंदगियों को चंद सेकंड में खत्म कर दिया.