Saharsa Assembly Seat Profile: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल अभी से बनना शुरू हो गया है. इस बीच चलिए हम आपको बताते हैं कि सहरसा विधानसभा सीट पर साल 2020 के चुनाव में क्या परिणाम रहा था.
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Saharsa Assembly Constituency: सहरसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, जो बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. हालांकि, विकास की राह आज भी देख रहा है. अब आगामी चुनावों को देखते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दे सामने आ रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है वर्षों से लंबित रेल ओवरब्रिज का निर्माण है. जो अधूरा पड़ा हुआ है. इस सीट पर सियासी लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन होती है. चलिए सहरसा विधानसभा सीट के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के आलोक रंजन झा ने सहरसा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का प्रतिनिधत्व कर रहे थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की प्रत्याशी लवली आनंद को हराकर यह सीट अपने नाम की, जो महागठबंधन का प्रतिनिधित्व कर रही थीं. हालांकि, लवली आनंद अब जदयू से शिवहर लोकसभा सीट से सांसद हैं.
सहरसा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख 54 हजार है. इन वोटर्स में 1 लाख 84 हजार पुरुष मतदाता हैं. जबकि, 1 लाख 69 हजार महिला मतदाता शामिल हैं. इसके अतिरिक्त 4 ट्रांसजेंडर मतदाता भी इस क्षेत्र की चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा हैं.
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मुख्य समस्या और चुनावी मुद्दा को जानिए
सहरसा विधानसभा क्षेत्र के लिए सबसे ज्वलंत और लंबे समय से लंबित मुद्दा एक रेल ओवरब्रिज का निर्माण है. यह परियोजना कई वर्षों से अधर में लटकी हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही बाढ़ की वजह से पुल बह जाते हैं. सड़कें कट जाती हैं. इस बार के चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा हो सकता है.
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