Chirag Purushottam Donation 1 crore Tirupati Temple: बिजनेसमैन चिराग पुरुषोत्तम ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के एसवी प्राणधान ट्रस्ट को 1 करोड़ रुपये दान दिए जो गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराता है. यह मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है और समाजसेवा में अग्रणी है.
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Donation 1 crore Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अंतर्गत आने वाले एसवी प्राणधान ट्रस्ट को बिजनेसमैन चिराग पुरुषोत्तम ने 1 करोड़ रुपये का दान दिया है. यह ट्रस्ट गंभीर बीमारियों से जूझ रहे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त या रियायती दर पर इलाज मुहैया कराता है. महंगे इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ मरीजों के लिए यह संस्था वर्षों से सहारा बनी हुई है. इससे पहले गूगल के वाइस प्रेसिडेंट थोटा चंद्रशेखर भी इस ट्रस्ट को 1 करोड़ रुपये का योगदान दे चुके हैं.
चेयरमैन को सौंपा चेक
चिराग पुरुषोत्तम ने 1 करोड़ रुपये का चेक टीटीडी चेयरमैन बी.आर. नायडू को सौंपा. इस मौके पर आंध्र प्रदेश के राजस्व मंत्री ए. सत्य प्रसाद भी मौजूद थे. मंत्री ने इस योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कदम समाज में मानवीयता की मिसाल पेश करते हैं. चिराग पुरुषोत्तम का कहना है कि भगवान वेंकटेश्वर की कृपा से उन्हें जीवन में सफलता मिली है और अब जरूरतमंदों की मदद करके वे अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. उनका मानना है कि यह दान कई गरीब मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होगा.
ट्रस्ट का मकसद और सेवाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसवी प्राणधान ट्रस्ट, टीटीडी का एक धर्मार्थ संगठन है जो खास तौर पर उन मरीजों के इलाज के लिए काम करता है जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और महंगे उपचार का खर्च नहीं उठा सकते. ट्रस्ट का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. चिराग पुरुषोत्तम के योगदान से अब ट्रस्ट अपनी सेवाओं को और ज्यादा जरूरतमंदों तक पहुंचा सकेगा.
दुनिया का सबसे धनी मंदिर
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को 2023 में करीब 1,031 किलोग्राम सोना दान के रूप में प्राप्त हुआ, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 773 करोड़ रुपये है. तिरुपति बालाजी मंदिर को देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु नकद, सोना, चांदी और कीमती वस्तुएं अर्पित करते हैं. भक्तों की आस्था और उदारता के कारण ही यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक, बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान देता आ रहा है.