Boeing Jet Deal: ट्रंप के फैसले से विमान निर्माण में लगने वाले कलपुर्जों की कीमत बढ़ गई. रक्षा सूत्रों का कहना है कि जब तक सभी पक्षों पर विस्तार से विचार नहीं कर लिया जाता तब तक यह सौदा ठंडे बस्ते में ही रहेगा.
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ट्रंप टैरिफ के चलते भारत और अमेरिका के रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है. अब चर्चा हैं कि भारत ने अमेरिका से 3.6 अरब डॉलर के बोइंग जेट्स सौदे को फिलहाल रोक दिया है. जो इन तनावों के बीच एक चौंकाने वाला फैसला माना जा रहा है.
लागत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई..
असल में जानकारी के मुताबिक भारत अमेरिका से छह अतिरिक्त बोइंग P-8I मरीन गश्ती विमान खरीदने वाला था जिसकी शुरुआती कीमत 2.42 अरब डॉलर थी. लेकिन सप्लाई चेन में रुकावट, महंगाई और अब अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ की वजह से इसकी लागत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. ट्रंप के फैसले से विमान निर्माण में लगने वाले कलपुर्जों की कीमत बढ़ गई. जिसका सीधा असर बोइंग पर और भारत जैसे खरीदारों पर पड़ा.
डील को अस्थायी रूप से रोक दिया?
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है. रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है.
हालांकि भारत सरकार की ओर से इस सौदे पर रोक या निर्णय को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन रक्षा सूत्रों का कहना है कि जब तक सभी पक्षों पर विस्तार से विचार नहीं कर लिया जाता तब तक यह सौदा ठंडे बस्ते में ही रहेगा.
इधर एयर इंडिया अमेरिका में अपने पुराने बोइंग 787 8 ड्रीमलाइनर विमानों का रेट्रोफिटिंग करवा रही है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के अंत तक पहला नया रूप दिया गया विमान एयर इंडिया के बेड़े में शामिल हो जाएगा. फिलहाल एयर इंडिया के पास कुल 33 ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनमें 26 पुराने 787 8 और 7 नए 787 9 शामिल हैं.
Q1: क्या भारत ने बोइंग जेट डील रोक दी है?
Ans: रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने 3.6 अरब डॉलर की बोइंग डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है.
Q2: इस डील की लागत क्यों बढ़ गई?
Ans: अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने और सप्लाई चेन बाधित होने से लागत में वृद्धि हुई है.
Q3: क्या भारत सरकार ने इसकी पुष्टि की है?
Ans: अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
Q4: इस डील को लेकर आगे क्या हो सकता है?
Ans: रक्षा मंत्रालय रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है. जिसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा.