India flags 3582 attacks on Hindus in Bangladesh: भारत सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की भयावह स्थिति जो बताई है जो बहुत विकट है. विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने संसद में बताया कि 2021 से अब तक बांग्लादेश में 3,582 हमले हुए हैं, जबकि पाकिस्तान में 334 बड़े मामले दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़े सुनकर हर कोई हैरान है!
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Bangladesh News: भारत सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की भयावह स्थिति सामने रखी है. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद को बताया कि भारत सरकार ने 2021 से अब तक पाकिस्तान के समक्ष अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कम से कम 334 बड़ी घटनाओं को उठाया है और बांग्लादेश में ऐसे 3,582 मामलों को उठाया है. राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में, सिंह ने कहा कि सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान सहित पड़ोसी देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की रिपोर्टों पर नियमित रूप से नज़र रखती है.
बांग्लादेश में क्या हो रहा है?
न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर 3,582 हमले दर्ज किए गए हैं. हाल ही में रंगपुर जिले में 14 हिंदू परिवारों के घरों पर भीड़ ने हमला किया. चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में भी अल्पसंख्यकों पर हिंसा थम नहीं रही. भारत ने बांग्लादेश सरकार से कहा है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. लेकिन वहां की अंतरिम सरकार जिसका नेतृत्व मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं उनके देश में मानवाधिकार सुधारों में पिछड़ रही है. ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, वहां मनमानी गिरफ्तारियां और राजनीतिक हिंसा अभी भी जारी है.
पाकिस्तान की स्थिति और भी गंभीर
पाकिस्तान में हिंदुओं, अहमदियों और अन्य अल्पसंख्यकों पर 334 बड़े हमले हुए हैं. भारत ने इन मामलों को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया और मांग की कि वह अपने नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों की रक्षा करे. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर हिंसा, गिरफ्तारी और पूजा स्थलों पर हमलों की निंदा की है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा न मिलने से उनकी हिम्मत बढ़ रही है. कई बार प्रशासन की चुप्पी भी इन हमलों को बढ़ावा दे रही है.
भारत की कोशिशें
भारत ने इन हमलों को रोकने के लिए दोनों देशों की सरकारों से सख्ती से बात की है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी इन मुद्दों को उठाया और कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत का कहना है कि हर देश को अपने नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों की जान, आजादी और अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.
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