Shashi Tharoor Support Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है. इस पर चुनाव आयोग ने कहा है आ घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या जनता से माफी मांगें.
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Shashi Tharoor Support Rahul Gandhi: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाए गए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी का समर्थन किया है. थरूर ने राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के राहुल गांधी के आरोपों का सपोर्ट किया है. शशि थरूर का समर्थन पिछले कुछ सप्ताहों में पार्टी के भीतर कई असहमतियों के रूप में सामने आई आंतरिक दरार के बीच आया है. बता दें कि राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है. भाजपा ने इन आरोपों को 'निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया है, जबकि चुनाव आयोग ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने या जनता से माफी मांगने की बात कही है.
ये गंभीर प्रश्न: शशि थरूर
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, 'ये गंभीर प्रश्न हैं, जिनका सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से समाधान किया जाना चाहिए. हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता. चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और चुनाव आयोग के प्रवक्ताओं को देश को सूचित करते रहना चाहिए.' बता दें कि इससे पहले शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस के दृष्टिकोण का कड़ा विरोध किया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में हुई बहस के दौरान भी शशि थरूर को बाहर रखा था.
These are serious questions which must be seriously addressed in the interests of all parties & all voters. Our democracy is too precious to allow its credibility to be destroyed by incompetence, carelessness or worse, deliberate tampering. @ECISVEEP must urgently act &… https://t.co/RvKd4mSkae
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 8, 2025
राहुल गांधी ने 5 प्रकार की गड़बड़ियों का किया जिक्र
राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि हमारे संविधान की नींव 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत पर टिकी है. इसलिए, जब चुनाव होते हैं तो सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है?
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से लोगों में संदेह बढ़ता जा रहा है. उन्होंने पांच मुख्य बिंदु गिनाए और कहा कि भाजपा को कभी भी एंटी-इनकंबेंसी (विरोधी लहर) का सामना नहीं करना पड़ता. भाजपा को अप्रत्याशित और बड़ी जीत मिल जाती है. ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल बार-बार गलत साबित हो जाते हैं. मीडिया द्वारा तैयार किया गया माहौल और चुनाव कार्यक्रम को सोच-समझकर 'कोरियोग्राफ' करना भी इन पांच बिंदुओं में शामिल हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में उन्हें इन संदेहों के पीछे की असल तस्वीर दिखने लगी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए वोटर जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे. कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वह उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे. 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन मतदान केंद्रों पर लाइनें नहीं थीं. नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया. अगर हमारे पास सॉफ्ट कॉपी होती, तो हम पूरे डेटा को 30 सेकंड में एनालाइज कर सकते थे. लेकिन हमें कागज के सात-फुट लंबे बंडल मिले, जिन्हें पढ़ने और मिलाने में छह महीने लगे. सिर्फ एक विधानसभा सीट के लिए 30-40 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)