कुलगाम में आतंक पर सबसे लंबा वार: 8वें दिन भी जारी ऑपरेशन.. घेराबंदी के बीच दहशत में आतंकी
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कुलगाम में आतंक पर सबसे लंबा वार: 8वें दिन भी जारी ऑपरेशन.. घेराबंदी के बीच दहशत में आतंकी

ऑपरेशन अंतिम चरण में है लेकिन सुरक्षाबलों को सतर्कता बरतनी पड़ रही है क्योंकि इलाके में विस्फोटकों की मौजूदगी की आशंका है. दुर्गम इलाका और घने जंगल तलाशी को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं.

कुलगाम में आतंक पर सबसे लंबा वार: 8वें दिन भी जारी ऑपरेशन.. घेराबंदी के बीच दहशत में आतंकी

भारत ने आतंक के खिलाफ एक और निर्णायक कदम बढ़ाया है. जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल गांव में जारी आतंकवाद विरोधी अभियान शुक्रवार को अपने आठवें दिन में प्रवेश कर गया. यह 90 के दशक के बाद से घाटी का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन बन चुका है. हाल के दिनों में अमेरिका से तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भारत आतंकवाद के हर नेटवर्क को कुचलने के इरादे से यह ऑपरेशन चला रहा है, जिसमें अब तक कई आतंकी मारे जा चुके हैं.

इस अभियान की शुरुआत बीते शुक्रवार को हुई थी जब लश्कर ए तैयबा के आतंकियों की मौजूदगी की पक्की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को मिली. पहले दिन की कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया था, जबकि दूसरे दिन दो और आतंकियों के मारे जाने की खबरें आईं. हालांकि उनके शव नहीं मिले. अभियान के दौरान अब तक कुल 9 जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज सेना के अस्पताल में जारी है.

विस्फोटों से पूरा इलाका दहल गया
रातभर चली गोलीबारी और विस्फोटों से पूरा इलाका दहल गया. सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर रखा है और अब भी तलाशी अभियान जारी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार ऑपरेशन अंतिम चरण में है लेकिन सुरक्षाबलों को सतर्कता बरतनी पड़ रही है क्योंकि इलाके में विस्फोटकों की मौजूदगी की आशंका है. दुर्गम इलाका और घने जंगल तलाशी को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं.

भारतीय सेना की पैरा फोर्स, राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ इस अभियान को संयुक्त रूप से अंजाम दे रहे हैं. ड्रोन, हेक्साकॉप्टर और थर्मल इमेजिंग उपकरणों की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है. खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है ताकि किसी भी कोने में छिपे आतंकी को बाहर निकाला जा सके.

नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह
आतंक से निपटने के लिए नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है. प्रशासन ने अखल गांव के लोगों से घरों में रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है. लोगों की सहायता के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती के साथ आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.

यह अभियान भारत की उस नीति का हिस्सा है जो आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करने का संदेश देता है. घने जंगलों में छिपे आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने की यह रणनीति साफ दिखा रही है कि भारत अब आतंक के खिलाफ पूरी तरह निर्णायक कार्रवाई के मूड में है. सुरक्षा बलों का मकसद है – एक एक आतंकी ठिकाने को खत्म करना, ताकि आने वाले दिनों में घाटी को पूरी तरह से आतंकमुक्त बनाया जा सके.

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