जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड से जुड़े 5 अहम सवाल, जांच रिपोर्ट में भी जिनका नहीं मिला जवाब
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जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड से जुड़े 5 अहम सवाल, जांच रिपोर्ट में भी जिनका नहीं मिला जवाब

Justice Yashwant Varma case: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है,लेकिन अभी कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है. 

Justice Yashwant Varma
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Justice Yashwant Varma Cash Scandal: जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड से जुड़े कई ऐसे अनसुलझे सवाल हैं, जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जो जांच रिपोर्ट बनी थी, उसमें भी इनका उत्तर नहीं मिला है. मसलन आग कैसे लगी, पैसा कहां से आया और अब वो नकदी कहां है... ऐसे सवालों का जवाब मिलना बाकी है.

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के स्टोररूम में मिले नोटों के बंडलों के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. समिति ने ये पाया था कि आरोपों में पर्याप्त आधार है.

जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोररूम से कथित तौर पर ये नोटों के बंडल आग बुझाने पहुंची फायर टीम को मिले थे, जो सूचना मिलने पर वहां पहुंची थी. सबसे बड़ा सवाल है कि इस केस में अब तक कोई पुलिस केस दर्ज क्यों नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट में इस बात याचिका दाखिल कीगई है. 

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने 3 मई को पेश जांच रिपोर्ट में कहा कि जस्टिस वर्मा का कदाचार इतना गंभीर है कि उन्हें हटाए जाने के लिए कार्यवाही शुरू किए जाने की जरूरत है. रिपोर्ट में समिति ने स्टोर रूम में करेंसी नोट के बड़े बड़े बंडलों को को रखने की इजाजत देकर सार्वजनिक सेवा की भावना को ठेस पहुंचाई है. उस वक्त वो दिल्ली हाईकोर्ट के जज के तौर पर काम कर रहे थे. समिति की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश के बाद उन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ेगा.

अग्निकांड के वक्त दिल्ली से बाहर जस्टिस वर्मा ने आरोप लगाया था कि उन्हें साजिशन फंसाने के लिए ऐसा किया गया है. उन्होंने दावा किया कि स्टोररूम मुख्य आवास का हिस्सा नहीं था और उनके स्टॉफ तक उसकी पहुंच थी. उन्होंने कहा कि आग बुझने के बाद 14 मार्च को  उनके परिवार और स्टाफ को स्टोररूम से कोई कैश नहीं मिला था.हालांकि समिति ने प्रत्यक्षदर्शियों और गवाहों के बयान और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला था कि आग के बाद वहां नकदी मिली थी और वर्मा के स्टाफ ने उसे वहां से हटाने का प्रयास किया.यह भी गवाही और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पाया गया कि वर्मा परिवार का परोक्ष या सक्रिय नियंत्रण स्टोररूम पर था.

कैश कांड के पांच अहम सवाल

1. स्टोररूम में रखा पैसा कहां से आया
कैश कांड से सबसे बड़ा सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि आखिर ये नकदी कहां से आई. कमेटी ने दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभा के 10 गवाहों के आधार पर सिर्फ ये कहा है कि आग पर काबू पाए जाने के बाद वहां अधजले नोटों के बंडल दिखाई दे रहे थे. हालांकि ये पैसा कहां से आया, ये रिपोर्ट के तीन अहम सवालों में से था. समिति ने ये कहा कि जस्टिस वर्मा ये साबित नहीं कर पाए कि ये साजिश थी, लिहाजा उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
2. कितना पैसा मिला
जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के स्टोररूम से कितना पैसा मिला, नोटों के कितने बंडल थे, इन सवाल का जवाब भी नहीं मिला.

3. अधजले नोटों के बंडल अब कहां
स्टोररूम से बरामद अधजले नोटों के बंडल अब कहां रखे गए हैं. कितने नोट सही हालत में मिले हैं, ये अभी तक नहीं बताया गया है. इनकी गिनती क्यों नहीं कराई गई.

4. पुलिस केस क्यों नहीं
इस गंभीर मामले में दिल्ली पुलिस ने कोई केस क्यों नहीं दर्ज किया, ये भी बड़ा गंभीर सवाल है. 

5. आग कैसे लगी
स्टोररूम में आग कैसे लगी, ये भी अबूझ पहेली है. क्या इसकी वजह शार्ट सर्किट है या कुछ और, क्या ये आगजनी का मामला है. ऐसे सवालों पर भी जांच रिपोर्ट ने रोशनी नहीं डाली है. 

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