Bengaluru news: बेंगलुरु के लोग 15 साल पुराने फ्लैश बैक में चले गए, जब शहर की आबादी आज की तुलना में बहुत कम थी और सड़कों पर भी अतिरिक्त दबाव नहीं था. आखिर क्यों शहर के निवासियों को क्यों ऐसा लगा कि वो '2010 के दशक की शुरुआत में पहुंच गए हैं, आइए वजह आपको बताते हैं.
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Bengaluru experiences rare traffic-free roads: बेंगलुरु के लोगों को जब अपने शहर में लगातार कई घंटों का दुर्लभ ट्रैफिक फ्री रास्ता यानी शांतिपूर्ण यात्रा का अनुभव मिला तो उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद देते हुए हालात की तुलना शहर के 15 साल पुराने माहौल से करते हुए इस रेयर ऑफ द रेयरेस्ट घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. फेसबुक हो, इंस्टाग्राम या फिर X, लोगों ने शहर के सकारात्मक ट्रैफिक व्यवहार के अनुभव जमकर साझा किए. गौरतलब है कि बेंगलुरु अक्सर ट्रैफिक जाम और अपनी भीड़-भाड़ वाली सड़कों के लिए बदनाम रहा है.
शहर में थी शांति
एक त्योहार के मौके पर ट्रैफिक अप्रत्याशित रूप से सामान्य . एक वायरल रेडिट पोस्ट में लोगों ने राहत की सांस लेते हुए अपने अनुभव बयान किए. एक ने लिखा- 'आज का ट्रैफ़िक और मौसम 2010 के दशक की शुरुआत के बेंगलुरु की याद दिला रहा था. कल मुझे जिस सफर में 2 घंटे लगे थे, आज मुझे बस 30 मिनट लगे. आज नम्मा ऊरु का अनुभव बहुत अच्छा लगा.
यह पोस्ट प्लेटफ़ॉर्म पर तेज़ी से लोकप्रिय हुई, और कई बेंगलुरुवासियों ने सामान्य से ज़्यादा सुगम सफ़र के अपने अनुभव साझा किए. सभी ने शोर-शराबे से मुक्त ट्रैफिक मिलने पर ऊपरवाले का आभार जताया.
बदला-बदला नजर आया शहर- वजह थी वरमहालक्ष्मी वृत
लोगों ने लिखा कि पीक ऑवर्स हों या न हो बेंगलुरू की सड़कों पर हमेशा जाम बनता जाता है, लेकिन हैरानी इस बात की थी पूरा शहर बदला-बदला नजर आ रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वरमहालक्ष्मी फेस्टिवल की वजह से शहर पर ट्रैफिक का दबाव बहुत कम रहा.
FAQ
सवाल- बेंगलुरू में ट्रैफिक का दबाव कम क्यों रहा?
जवाब- वरमहालक्ष्मी फेस्टिवल की वजह से.
सवाल- वरमहालक्ष्मी का त्योहार कब होता है?
जवाब- यह व्रत श्रावण मास के अंतिम शुक्रवार को किया जाता है. वरलक्ष्मी व्रतम एक त्योहार है जो तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से लोकप्रिय है.
सवाल- वरमहालक्ष्मी व्रत क्यों किया जाता है?
जवाब- इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. इस दिन सभी महिलाएं लक्ष्मी मां से संतान और पति की लंबी आयु की कामना करती है. मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त होती है.