'ऑपरेशन सिंदूर' क्यों सरकार ने बीच में रोका? अमित शाह ने सदन को बताया
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'ऑपरेशन सिंदूर' क्यों सरकार ने बीच में रोका? अमित शाह ने सदन को बताया

Amit Shah:'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विपक्ष लगातार संसद में केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. विपक्ष ने सवाल उठाया कि हम अच्छी स्थिति में थे, तो फिर युद्ध क्यों नहीं किया? इसका जवाब अमित शाह ने लोकसभा में दिया है. 

'ऑपरेशन सिंदूर' क्यों सरकार ने बीच में रोका? अमित शाह ने सदन को बताया

Operation Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विपक्ष लगातार संसद में केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है. विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के पीछे की वजह बताई. लोकसभा को बताया कि आतंकवादियों को जवाब देने के लिए भारत पड़ोसी देश में 100 किलोमीटर अंदर गया. वहां जाकर 9 अड्डों और 100 से अधिक आतंकियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. गृह मंत्री ने 'संघर्ष विराम' पर उठते सवालों का भी जवाब दिया.

विपक्ष ने सवाल उठाया कि हम अच्छी स्थिति में थे, तो फिर युद्ध क्यों नहीं किया? अमित शाह ने जवाब दिया, युद्ध के कई परिणाम होते हैं. युद्ध सोच समझकर करना पड़ता है. गृह मंत्री ने कांग्रेस को 1948 के युद्ध की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि उस समय लड़ाई निर्णायक पड़ाव पर थी, लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम किया. इसी युद्धविराम के कारण पीओके अस्तित्व में है, इसके जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू हैं.

अमित शाह ने सिंधु जल संधि के फैसले की याद दिलाई, जिसमें 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया था. उन्होंने 1965 में जीते हाजी पीर को वापस लौटाने और 1971 की जीत के बाद शिमला समझौते में पीओके को नहीं मांगने पर कांग्रेस को घेरा. गृह मंत्री ने "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया. इन हमलों में कोई आम नागरिक नहीं मारा गया, सिर्फ आतंकवादी इस हमले में मारे गए. बहावलपुर में मरकज शुभानअल्लाह, मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में मेहमूना जोया कैंप और सरजल कैंप, मुजफ्फराबाद में सवाईनाला और सैयदना बिलाल कैंप, कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप के साथ बरनाला कैंप भीमबर को भारतीय सेना ने टारगेट किया.

अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद गलतियां कीं. भारत ने आतंकियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला माना. आतंकवादियों के जनाजे को पाकिस्तान की सेना ने कंधा दिया, लेकिन वे भूल गए थे कि यह सब पूरी दुनिया देखेगी. पूरी दुनिया में पाकिस्तान खुद को आतंक पीड़ित बताता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने एक्सपोज किया कि वहां 'स्टेट प्रायोजित आतंकवाद' है.
इस संघर्ष में भारत के नुकसान को लेकर भी अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना के अड्डों पर हमले किए. किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. एक गुरुद्वारा और एक मंदिर इन हमलों में टूटे. कुछ नागरिक घायल हुए.  सदन को बताया कि भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह किया, जिनमें से 8 एयरबेस पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व पीएम नेहरू ने 30 हजार वर्ग किमी 'अक्साई चिन' चीन को दे दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अक्साई चिन के 30 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को चीन को सौंपने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने भारत-चीन के बीच हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, "1962 में चीन के साथ युद्ध में क्या हुआ? 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन चीन को दे दिया गया.

शाह ने नेहरू के अक्साई चिन के बारे में दिए गए बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "इस तरह की चर्चा उस दौरान सदन में भी हुई. उस पर सदन में जवाहर नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका नहीं उगता, उस जगह का क्या करेंगे? नेहरू जी का सिर मेरे जैसा था. एक संसद सदस्य (त्यागी जी) ने कहा कि आपके (नेहरू) सिर पर भी एक भी बाल नहीं है, तो क्या उसे भी चीन को दे दें? शाह ने यह भी दावा किया कि नेहरू ने आकाशवाणी पर असम को 'बाय-बाय' कह दिया था. इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा और नारेबाजी की. जवाब में शाह ने कहा, "जोर से बोलकर सच को छिपाया नहीं जा सकता. 

अमित शाह यहीं नहीं रुके. उन्होंने नेहरू के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन नेहरू ने इसे ठुकरा दिया. शाह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, "नेहरू का कहना था कि इससे भारत-चीन संबंध खराब होंगे और चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा. आज चीन सुरक्षा परिषद में है और भारत बाहर है. इसके लिए पीएम मोदी प्रयास कर रहे हैं. इसका कारण जवाहर लाल नेहरू का ये स्टैंड है. (आईएएनएस)

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