Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दुलर्भ जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ है. जहां नवजात के शरीर एक हैं. लेकिन सिर दो हैं. शरीर की बनावट को देख डॉक्टर भी हैरान हैं. फिलहाल बच्ची का उपचार जारी है. डॉक्टरों के मुताबिक, बहुत किंचित ऐसे मामले सामने आते हैं.
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A Child With Two Heads Was Born In Indore: इंदौर के एमटीएच अस्पताल में एक अनोखे जुड़वने बच्चे का जन्म हुआ है. इन ट्विन्स बच्चों का जन्म ऑपरेशन द्वारा हुआ है. यह गर्भवती महिला स्त्री रोग विभागध्यक्ष डॉ प्रो निलेश दलाल की यूनिट में गर्भवती महिला इमरजेंसी में भर्ती हुई थी, वहां उसने एक शऱीर और दो सिर वाले अनोखे जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इस घटना को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, देवास जिले के हरनगांव के पलासी की रहने वाली 22 साल की महिला को 22 जुलाई को गंभीर प्रसव पीड़ा के दौरान इंदौर लाया गया. महिला को लेबर दर्द के दौरान इमरजेंसी अवस्था में भर्ती किया गया था. महिला का ऑपरेशन डॉ नीलेश दलाल के मार्गदर्शन में एमटीएच हॉस्पिटल की टीम द्वारा किया गया. दर्द और असामान्य गर्भ को देखते हुए डॉक्टरों ने सामान्य से हटकर अलग ढंग से सीजेरियन किया. इसके बाद नवजात बच्ची एक धड़ और दो सिरों के साथ पैदा हुई.
जांच के बाद भी नहीं हुआ खुलासा
मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि लगभग हर माह गर्भ की जांच करने वाले डॉक्टर्स या अन्य स्टाफ को इस सिर जुड़े जुड़वा बच्चे का पता कैसे नहीं चला. जानकारी के मुताबिक, गर्भवती महिला ने प्रसव के पहले चार बार जांच कराई थी, फिर भी गर्भावस्था के दौरान किसी असामान्यत स्थिति के बारे में बता नहीं चला. फिलहाल नवजात शिशु को अभी एमटीएच कि सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में शिशु रोग विभाग में रखा गया है. नवजात का वजह करीब 2.8 किलोग्राम है.
जानिए क्या बोले डॉक्टर
डॉक्टरों के मुताबिक, यह कोई अनुवांशिक स्थिति नहीं है और ना ही मां के सेहत से जुड़ी. इस स्थिति को पैरापैगस डेसिफेल्स ट्विन्स कहा जाता है. अस्पताल की अधीक्षक और सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनुपमा दवे ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया, "जब एक निषेचित (फर्टिलाइज्ड) अंडाणु पूरी तरह से दो भ्रूणों में विभाजित नहीं हो पाता है, तब जुड़वां शिशुओं का विकास होता है. परिणामस्वरूप, दो आनुवंशिक रूप से समान भ्रूण शरीर के किसी भाग से जुड़े रह जाते हैं. यह एक दुर्लभ विकासात्मक विसंगति है, जो संभवतः गर्भधारण के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होती है."
आगे क्या होगा?
जानकारी के मुताबिक, एक शरीर और दो सिर वाली बच्ची को लेकर आगे क्या करना यह डॉक्टरों की टीम तय करेगी. इस टीम में सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ और इमेजिंग विशेषज्ञ मिलकर आगे की रणनीत तय करेंगे. इसमें इस बात की भी चर्चा होगी कि क्या एक सिर अलग करने के बाद बाकी अंग काम करने में सक्षम होंगे या फिर नहीं.
रिपोर्ट- Z MPCG असाइमेंट
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