स्पेस के हम सिकंदर...भारत ने रचा इतिहास; पावरफुल निसार सैटेलाइट लॉन्च, अब तबाही का पहले से मिलेगा अलर्ट
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स्पेस के हम सिकंदर...भारत ने रचा इतिहास; पावरफुल निसार सैटेलाइट लॉन्च, अब तबाही का पहले से मिलेगा अलर्ट

NISAR Satellite: जिस घड़ी का इंतजार था आखिर वो खत्म हो गई. आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसरो और नासा के प्रयास से निसार सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग हुई. निसार सैटेलाइट देश के लिए क्यों अहम है आइए जानते हैं. 

स्पेस के हम सिकंदर...भारत ने रचा इतिहास; पावरफुल निसार सैटेलाइट लॉन्च, अब तबाही का पहले से मिलेगा अलर्ट

NISAR Satellite Launch: स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दो, रोज ही आकाश चढ़ते आ रहे हैं हम...जब भी ये लाइनें आपके कानों में गूंजती होंगी तो आपको यह एहसास होने लगता होगा कि देश में कुछ नया होने वाला है और जिसकी बदौलत भारत देश और ऊंचाइयों पर जाने वाला है. आज का दिन भी काफी ज्यादा ऐतिहासिक है क्योंकि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास से निसार सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग हुई. यह मिशन देश के लिए क्यों खास है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार के साथ. 

नासा और इसरो ने बनाया है
आज जैसे ही उल्टी गिनती शुरू हुई पूरे देश की निगाहें निसार सैटेलाइट पर टिक गई. लोगों को गौरवान्वित होने का मौका एक बार फिर इसरो ने दिया है. इस सैटलाइट को इसरो और नासा ने मिलकर बनाया है. यह सैटेलाइट 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित होगा. यह एक अत्याधुनिक रडार उपग्रह है, जो बादलों और बारिश के बावजूद 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें ले सकता है.

 

क्या काम करेगा निसार?
निसार दुनिया का पहला डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार सैटेलाइट है एल-बैंड और एस-बैंड तकनीक का इस्तेमाल करेगा. इसका मुख्य मकसद धरती के सतही बदलावों, प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन जैसी घटनाओं की निगरानी करना है. यह तकनीक भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट और भूस्खलन जैसी घटनाओं का भी सटीक डेटा पहले से ही देगा. इसके अलावा बता दें कि यह GSLV रॉकेट का पहला ऐसा मिशन होगा जो सूर्य-समकालिक ध्रुवीय कक्षा में जाएगा. निसार मिशन 3 साल तक धरती की निगरानी करेगा और यह हर 12 दिन में पूरी धरती की सतह, हिमखंडों और अन्य पर्यावरणीय बदलावों की हाई-रिजाल्यूशन स्कैनिंग करेगा.

निसार सैटेलाइट को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कहा है कि यह उपग्रह न केवल भारत और अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा. ऐसे में दुनिया भर की निगाहें भी इसपर टिकी है. 

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