Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कंधार हाईजैक का कनेक्शन सामने आया है. हमले में अल उमर मुजाहिदीन के मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर का नाम आ रहा है, जिसे कंधार हाईजैक की वारदात में मसूद अजहर के साथ रिहा किया गया था.
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Pahalgam Attack Kandahar Hijack Connection: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है और इस वारदात में अल उमर मुजाहिदीन के मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर की भूमिका उजागर हुई है. NIA सूत्रों के मुताबिक, अल उमर मुजाहिदीन के मुखिया मुश्ताक अहमद जरगर के समर्थकों ने पहलगाम हमले के ओवर ग्राउंड वर्करों (OGW) की मदद की थी. मुश्ताक अहमद जरगर को कंधार हाईजैक की वारदात में मौलाना मसूद अजहर के साथ रिहा किया गया था और फिलहाल वह पाकिस्तान में रह रहा है. गिरफ्तार किए गए ओवर ग्राउंड वर्कर्स की पूछताछ में ये अहम खुलासा हु़आ है. बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए थे.
पाकिस्तान में बैठ कश्मीर में आतंक फैला रहा जरगर
मुश्ताक अहमद जरगर के आतंकी संगठन को भारत सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ है और 2023 में उसके घर को नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने कुर्क कर दिया था. NIA सूत्रों के मुताबिक, जरगर फिलहाल पाकिस्तान में है, लेकिन श्रीनगर का होने के नाते ओवर ग्राउंड वर्करों के समर्थकों में उसकी बड़ी पकड़ है. इसीलिए, पहलगाम आतंकी हमले में इस शख्स की भूमिका भी अहम मानी जा रही है
जांच एजेंसियों की रडार पर कई प्रतिबंधित संगठन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर के कई प्रतिबंधित संगठन जांच एजेंसी के रडार पर हैं, जिसके कई लोग इस वक्त हिरासत में हैं. NIA सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियां अब तक 100 से ज्यादा OGWs के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दे चुकी हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि 90 से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है. एनआईए लोकल इंटेलिजेंस के साथ पहलगाम के आस पास के कुछ संदिग्ध प्वाइंट के इनपुट को डेवलप कर रही है.
आतंकियों को दी गई थी मिलिट्री ट्रेनिंग
इसके साथ ही पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही एजेंसियों ने एक और बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई थी. जम्मू कश्मीर जेल में बंद लश्कर काडरों से पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसियों को अहम सबूत मिले हैं. जांच एजेंसियों ने आतंकवादियों के हाइड आउट की जो तफ्तीश की है उसमें भी यही जानकारी सामने आई है.
तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तानी स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडो की ट्रेनिंग पा चुके कमांडर जम्मू कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं. खुफिया सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, ऐसे 15-20 एसएसजी कमांडो ट्रेनिंग पा चुके आतंकी कमांडर घाटी में मौजूद हैं. ये पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ और ऐसे दुर्दांत कमांडर कश्मीर में विदेशी आतंकियों के छोटे-छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं.
खुफिया सुरक्षा एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, इसके पीछे आईएसआई का मकसद सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना है. गगनगीर गांदरबल हमला, जिसमें 7 लोग मारे गए थे, बूटा पथरी हमला, जिसमें आर्मी के कानवाय पर हमला हु़आ था और दो आर्मी के जवान शहीद शहीद हुए थे, जबकि 2 पोर्टर मारे गए थे और पहलगाम आतंकी हमला... इन सारी वारदातों में पाकिस्तान आर्मी के स्पेशल सर्विस ग्रुप कमांडो की भूमिका सामने आई है.