Tahawwur Rana: मुंबई में 26/11 में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज 15 साल बाद भारत लाया गया. राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद देशभर से प्रतिक्रयाएं आ रही हैं. पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने भी तहव्वुर राणा के कई राज खोले हैं? चलिए जानते हैंं.
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Tahawwur Rana: मुंबई में 26/11 में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज 15 साल बाद भारत लाया गया. राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद देशभर से प्रतिक्रयाएं आ रही हैं. पूरी दुनिया की निगाहें भी इस वक्त भारत पर ही टिकी हुई हैं. इस बीच, पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने भी तहव्वुर राणा पर बयान दिया है. पिल्लई ने गुरुवार को कहा कि मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी राणा को यकीनी तौर पर से देश में मुजरिम करार दिया जाएगा. संभवतः उसे इस हीनियस टेररिस्ट अटैक में शामिल होने के लिए मौत की सजा भी दी जाएगी.
पिल्लई ने उन्होंने कहा कि राणा डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था, जो साल 2008 में 26 नवंबर के हमलों में शामिल था. पिल्लई ने कहा, ‘राणा वह शख्स था जिसने मुंबई में (अपनी फर्म का) इमिग्रेशन दफ्तर बनाया था, जिसमें डेविड हेडली को काम दिया गया और फिर उसे भारत आने के लिए वीजा मिला. राणा और हेडली बहुत करीब थे और उन्हें घटनाक्रम की जानकारी थी. इसलिए भारत में उससे पूछताछ में यह बात सामने आएगी और हेडली ने उसे क्या बताया था.’
पिल्लई ने हमले के सिर्फ छह महीने बाद संभाला था पद
उन्होंने कहा कि राणा वह शख्स नहीं है जिसने ताज होटल और अन्य स्थानों का सर्वेक्षण किया था जहां आतंकवादी आये थे. पिल्लई ने आतंकवादी हमले के सिर्फ छह महीने बाद गृह सचिव का पद संभाला था. उन्होंने कहा, ‘यह सब डेविड हेडली ने किया था. वह वही शख्स था जो भारत आया, फिर पाकिस्तान गया और सारी जानकारी (पाकिस्तान में आतंकवादियों को) साझा की. लेकिन एक सह-षड्यंत्रकारी के रूप में, राणा को निश्चित रूप से भारत में मुजरिम ठहराया जाएगा और संभवतः उसे मौत या 10 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलेगी.’
पाकिस्तान की भूमिका के बारे में क्या बोले पिल्लई?
इन आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) की जांच के दौरान इस संबंध की पुष्टि हो चुकी है और ‘हमारे पास पाकिस्तान में मौजूद अन्य आरोपियों की जानकारी भी हैं जिनके खिलाफ वारंट जारी किए गए हैं, लेकिन पाकिस्तान ने उन पर अमल नहीं किया है.’
पूर्व गृह सचिव ने कहा, ‘इसलिए, पाकिस्तान के कुछ सहयोग से शुरू में यह संबंध बहुत स्पष्ट रूप से स्थापित हो गया था. लेकिन इसके बाद पाकिस्तान पूरी जांच में बाधा डालता रहा. उसने न तो उन पर (आरोपियों पर) पाकिस्तान में मुकदमा चलाया और न ही उन्हें भारत में मुकदमे चलाने के लिए हमें सौंपा.’
राणा का प्रत्यर्पण देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि: आरके सिंह
एक अन्य पूर्व गृह सचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि यह प्रत्यर्पण अन्य आतंकवादियों के लिए एक मैसेज है कि ‘अगर आप कहीं जाते हैं और किसी देश पर हमला करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी अन्य देश में रह सकते हैं’. सिंह ने कहा, ‘आपको उस देश में न्याय का सामना करना पड़ेगा जहां आपने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया. यह महत्वपूर्ण है कि आतंकवादियों तक ऐसा संदेश जाए.’ उन्होंने कहा कि राणा की गवाही से उन विवरणों को हासिल करने में मदद मिलेगी जो भारतीय अधिकारियों को ज्ञात नहीं हैं.
सिंह ने कहा, ‘हमें और अधिक जानकारी मिल सकती है, जिससे हम और अधिक लोगों को पकड़ सकेंगे या उन लोगों की पहचान कर सकेंगे जो पाकिस्तान में हैं. इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में, पाकिस्तान के ‘डीप स्टेट’ द्वारा बनाई गई थी. ‘डीप स्टेट’ का मतलब है सेना, आईएसआई (पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी) आदि. इन सभी ने इसकी साजिश रची, लोगों को प्रशिक्षित किया और उन्हें हथियार दिए.’
'हम जानते हैं कि यह सब कौन कर रहे थे?'
आरके सिंह जो अब भाजपा नेता हैं. उन्होंने कहा, ‘जब हमला हो रहा था, तब उन्होंने वहीं से निर्देश दिए. वहां से मिनट-दर-मिनट निर्देश आते थे कि क्या किया जाना चाहिए. हम जानते हैं कि यह सब कौन कर रहे थे? वे लश्कर-ए-तैयबा के लोग थे.’
'उसे हर बार वीजा कैसे मिला?'
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को लॉस एंजिल्स के ‘मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर’ में रखा गया था. उसे 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी हेडली से जुड़ा माना जाता है. सिंह ने कहा कि देश को एक अन्य मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है कि राणा और हेडली को हर बार भारत आने के लिए वीजा कैसे दिया गया. आरके सिंह ने कहा, ‘एक अन्य मुद्दा जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करना है, वह यह है कि तहव्वुर राणा कई बार भारत आया. हेडली कई बार भारत आया. उसे हर बार वीजा कैसे मिला? हमें इसकी जांच करनी होगी.’
इनपुट- भाषा