SC On Justice Yashwant Varma Appeal: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करने की सहमति दे दी है. इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग कपिल सिब्बल ने की थी. सुप्रीम कोर्ट ने भरोसा दिया है कि इस मामले के लिए जल्द ही एक विशेष बेंच का गठन किया जाएगा. हालांकि चीफ जस्टिस बी. आर. गवई इसका हिस्सा नहीं होंगे.
Trending Photos
Special Bench To Hear Justice Yashwant Varma Appeal: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करने की सहमति दे दी है. इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग कपिल सिब्बल ने की थी. सुप्रीम कोर्ट ने भरोसा दिया है कि इस मामले के लिए जल्द ही एक विशेष बेंच का गठन किया जाएगा. हालांकि चीफ जस्टिस बी. आर. गवई इसका हिस्सा नहीं होंगे. वकील कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी और सिद्धार्थ लूथरा जस्टिस यशवंत वर्मा की ओर से पेश हुए. कपिल सिब्बल ने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला उठाते हुए कहा, "इस मामले में कई संवैधानिक पहलू जुड़े हैं. हम आग्रह करते है कि इस अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए बेंच का गठन करें.
विशेष बेंच का किया जाएगा गठन
सिब्बल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने इस दिशा में कदम उठाने का फैसला किया. विशेष बेंच के गठन के बाद इस मामले की सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी. सीजेआई बी. आर. गवई इस मामले के लिए ऐसी बेंच का गठन करेंगे, जिसमें वह खुद न हो.
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने की नोटिस
विभिन्न विपक्षी दलों के 63 राज्यसभा सांसदों ने सोमवार को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के लिए सभापति को प्रस्ताव का नोटिस सौंपा. कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ यह नोटिस सौंपा गया था. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को इसकी जानकारी दी थी.
इसके पहले न्यायमूर्ति शेखर यादव को हटाने की हुई थी मांग
न्यायमूर्ति शेखर यादव को हटाने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव 13 दिसंबर 2024 को राज्यसभा के सभापति को सौंपा गया था. इससे पहले संसद के मानसून सत्र का आगाज होते ही 145 लोकसभा सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा स्पीकर को ज्ञापन सौंपा. सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत यह कदम उठाया है.
15 मार्च को वर्मा के घर में मिला था कैश
बता दें कि 15 मार्च 2025 को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर कैश मिला था. इसके बाद न्यायमूर्ति वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उन्होंने आरोपों से इनकार किया और उसे साजिश बताया था. जले और अधजले नोटों का एक वीडियो भी बहुत वायरल हुआ था. हालांकि, अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संसद इन आरोपों की जांच करेगी. महाभियोग प्रस्ताव के तहत आगे की प्रक्रिया संसद में विचार-विमर्श और जांच के बाद तय की जाएगी. इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था. इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. 5 अप्रैल को जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की थी. (इनपुट आईएएनएस से)