बद्ध कोणासन एक ऐसी योग विधि है जिसे हर इंसान को अपने जीवन में अपनाना चाहिए क्योंकि इसके बेशुमार फायदे हैं, खासकर ये मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाता है.
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Baddha Konasana Yoga: भारतीय योग पद्धति के पास कई समस्याओं का इलाज है. योगासन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने का एक असरदार और आसान जरिया है. ऐसा ही एक आसन है बद्ध कोणासन, जो न सिर्फ शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि दिमागी सुकूव भी देने का काम करता है.
बटरफ्लाई पोज
बद्ध कोणासन, जिसे तितली आसन या बटरफ्लाई पोज भी कहते हैं, जिसमें दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़कर बैठा जाता है. यह आसन जांघों और घुटनों को खोलने में मदद करता है और वहां से जुड़ी परेशानियों को खत्म करने में कारगर है.
शरीर होगा लचीला
बद्ध कोणासन की रेगुलर एक्सरसाइज से शारीरिक लचीलापन, मानसिक शांति और इंटरनल एनर्जी में इजाफा होता है. ये आसन आजकल की लाइफस्टाइल के हिसाब से और भी कारगर है. ये तनाव और शारीरिक समस्याओं से निपटने का प्रभावी और सरल तरीका है. इसके अलावा, ये आसन ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है और शरीर को एनर्जी से भर देता है.
महिलाओं के लिए अच्छा
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, बद्ध कोणासन महिलाओं के लिए खास तौर से फायदेमंद है क्योंकि ये मेंस्ट्रुअल साइकिल की परेशानी को कम करता है और रिप्रोडक्टिव ऑर्गंस को हेल्दी रखता है. इसके साथ ही ये जांघों और कमर की मांसपेशियों को भी लचीला बनाता है. ये आसन प्रेग्नेंसी के दौरान भी यूजफुल हो सकता है, जिससे कमर और जांघों के मसल्स लचीले बनते हैं.
रीढ़ के लिए बेहतर
बद्ध कोणासन की रेगुलर प्रैक्टिस से कई फायदे मिलते हैं. ये मेडिटेशन और सांस पर फोकस्ड होता है, जो मन को शांत करता है. ये आसन रीढ़ को सीधा रखने में मदद करता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है.
दिमागी सुकून
बद्ध कोणासन का एक सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये ध्यान और श्वास पर केंद्रित होता है. गहरी सांस लेने और मन को शांत करने की प्रोसेस स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करती है. ये मेंटल स्टेबिलिटी देता है और मॉर्डन लाइफस्टाइल में मशगूलियत के बीच मन को सुकून देता है.
एक्सपर्ट के साथ करें प्रैक्टिस
हालांकि, कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बद्ध कोणासन का अभ्यास सही तकनीक के साथ करना जरूरी है. कूल्हों, घुटनों या रीढ़ में चोट की स्थिति में विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए. शुरुआती लोगों को धीरे-धीरे और कम समय के लिए प्रैक्टिस शुरू करना चाहिए, ताकि शरीर को आसन की आदत हो सके.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.