'अब रोक दीजिए...' राजनाथ सिंह ने संसद में बताई ऑपरेशन सिंदूर को रोकने की वजह
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'अब रोक दीजिए...' राजनाथ सिंह ने संसद में बताई ऑपरेशन सिंदूर को रोकने की वजह

Rajnath Singh Speech Lok Sabha: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि पाकिस्तानी डीजीएमओ के अनुरोध पर भारतीय सेना ने कार्रवाई रोकी थी. भारत ने आतंकी पालने वाले पाकिस्तान को सजा दी. हालांकि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह फिलहाल स्थगित हुआ है. 

'अब रोक दीजिए...' राजनाथ सिंह ने संसद में बताई ऑपरेशन सिंदूर को रोकने की वजह

जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे... लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुंदरकांड की वो मशहूर लाइन दोहराई. एक-एक जानकारी साझा करते हुए रक्षा मंत्री ने विपक्ष को भी खूब सुनाया. उन्होंने विपक्ष से उठते सवालों पर कहा कि अपोजिशन सवाल ही गलत पूछ रहा है, इसमें मैं विपक्ष की मदद कर सकता हूं. उन्होंने आगे कहा कि भारत का ऐक्शन पाकिस्तान से आए आतंकियों की हरकत का करारा जवाब था. सुंदर कांड की पूरी चौपाई है- 'जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे। तेहि पर बांधेउं तनय तुम्हारे. मोहि न कछु बांधे कइ लाजा। कीन्ह चहउं निज प्रभु कर काजा.' 

ऐसे समय में जब सेना ने आज ही पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन दहशतगर्दों को ढेर किया है, लोकसभा में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर देश को सारी बात बताई. उन्होंने साफ कहा कि ऑपरेशन किसी के प्रेशर में नहीं रोका गया था. दरअसल, विपक्ष ऑपरेशन के अचानक रुकने पर सवाल उठाता रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कई बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाई. राजनाथ ने कहा कि भारतीय सेना को पूरी आजादी थी. सेना ने खुद टारगेट सेट किए. हमले के बाद पाकिस्तान ने हार मान ली. 

राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि संघर्ष के पहले और उसके दौरान जो भी राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य तय किए गए थे उसे हम पूरी तरह से हासिल कर चुके थे इसलिए यह कहना कि ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया था यह बेबुनियाद और सरासर गलत है.'

पाकिस्तान ने पहले किया संपर्क

राजनाथ ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने  भारत के DGMO से संपर्क किया और भारत से सैन्य कार्रवाई को रोकने की अपील की. 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाई पर विराम लगाने का निर्णय लिया. रक्षा मंत्री ने भाषण में कई बार दोहराया कि पाक DGMO ने अनुरोध किया था कि अब रोक दीजिए. रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि ऑपरेशन रुका है, खत्म नहीं हुआ है.

भारत की कार्रवाई क्या थी?

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी कार्रवाई पूरी तरह से आत्मरक्षा में थी, न तो उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी. फिर भी 10 मई 2025 को लगभग 1:30 बजे तक पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर भारत के ऊपर मिसाइलों, ड्रोन्स, रॉकेट्स और लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग कर बड़ा हमला किया. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर से जुड़ी तकनीक का भी सहारा लिया. उनके निशाने पर हमारे भारतीय सेना के अड्डे, थल सेना के डिपो, हवाई अड्डे और मिलिट्री कैंप थे. यह कहते हुए मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है कि हमारे यहां डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया.'

एक भी टारगेट हिट नहीं कर पाया पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे किसी भी टारगेट को हिट नहीं कर पाया. हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी और हर हमले को हमारे द्वारा रोका गया. मैं इसके लिए भारतीय सेना के  बहादुर सैनिकों की जमकर सराहना करता हूं, जिन्होंने दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेर दिया. रक्षा मंत्री ने बताया कि हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान में मौजूद 100 से ज्यादा आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया. 9 में से 7 आतंकी ठिकानों को सेना ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. 22 मिनट के अंदर ही ऑपरेशन समाप्त कर लिया गया था.

रक्षा मंत्री ने कहा, '6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी बल्कि यह भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था.'

इंदिरा सरकार की तारीफ फिर कोसा

हां, ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'जब हमने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को सबक सिखाया था, मैं उस समय की सरकार को बधाई देता हूं. हमने तब अपने राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की प्रशंसा की थी. हमने यह नहीं देखा कि वह किस पार्टी की सरकार थी या क्या विचारधारा थी. हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में उस समय के नेतृत्व की प्रशंसा की थी... हमने यह नहीं पूछा कि उन्हें (पाकिस्तान) सबक सिखाते समय कितने भारतीय विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए, कितने उपकरण बर्बाद हुए, हमने तब भी यह सवाल नहीं पूछा.' यह कांग्रेस और बाकी विपक्षी दलों पर तंज था जो कई तरह के सवाल पूछ रहा है. 

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