रोज आधा घंटा पैदल चलने से ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर पड़ता है? डायबिटीज मरीज जरूर जान लें
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रोज आधा घंटा पैदल चलने से ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर पड़ता है? डायबिटीज मरीज जरूर जान लें

विज्ञान और विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ आधा घंटा रोजाना की सैर न केवल आपकी सेहत को सुधार सकते हैं, बल्कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी पर काबू पाने में भी बड़ी भूमिका निभा सकती है.

रोज आधा घंटा पैदल चलने से ब्लड शुगर लेवल पर क्या असर पड़ता है? डायबिटीज मरीज जरूर जान लें

क्या आपको भी लगता है कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना जरूरी है? तो जरा रुकिए! विज्ञान और विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ आधा घंटा रोजाना की सैर न केवल आपकी सेहत को सुधार सकते हैं, बल्कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी पर काबू पाने में भी बड़ी भूमिका निभा सकती है. पैदल चलना एक ऐसी सरल आदत है जो न व्यायाम जैसा भारी लगता है, न ही इसके लिए किसी खास उपकरण या जिम की जरूरत होती है.

डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है कि अगर आप रोजाना केवल 30 से 45 मिनट तक पैदल चलें, तो इससे आपकी ब्लड शुगर पर जबरदस्त कंट्रोल पाया जा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि तेज चाल से की गई नियमित वॉक न केवल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है, बल्कि इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बढ़ाती है.

कैसे करता है वॉकिंग ब्लड शुगर को कंट्रोल?
दिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन की डायरेक्टर डॉ. मनीषा अरोड़ा के अनुसार, वॉकिंग एक बेहतरीन और आसान एक्सरसाइज है, खासकर डायबिटीज मरीजों के लिए। यह मसल्स में ग्लूकोज की खपत को बढ़ाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है, साथ ही, यह इंसुलिन सिग्नलिंग में सुधार लाती है, जिससे शरीर के सेल्स ग्लूकोज को बेहतर तरीके से ऑब्जर्व कर पाती हैं. विशेषज्ञों की मानें तो हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एरोबिक एक्टिविटी, जैसे कि हफ्ते में 5 दिन 30-45 मिनट की वॉक, ब्लड शुगर कंट्रोल में बेहद मददगार होती है.

डायबिटीज पर वॉकिंग के फायदे

इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार
वॉकिंग से मांसपेशियों की इंसुलिन के प्रति सेंसिटिव बढ़ती है, जिससे शुगर लेवल कम होता है.

ब्लड शुगर स्पाइक को घटाना
डॉ. राजीव कोविल के अनुसार, खाने के बाद 15-20 मिनट की वॉक खाने से ब्लड शुगर में आने वाली तेजी को कम करती है.

वजन और पेट की चर्बी घटाना
नियमित वॉक से वजन कम होता है, और केवल 5-10% वजन कम करने से भी ब्लड शुगर पर अच्छा असर पड़ता है.

HbA1c लेवल में गिरावट
शोध बताते हैं कि लगातार वॉकिंग से HbA1c लेवल में 0.5% से 1% तक की गिरावट संभव है.

डायबिटीज से परे भी फायदेमंद
यह आदत न सिर्फ डायबिटीज बल्कि तनाव, हड्डियों की कमजोरी, नींद की कमी और भूलने की बीमारी जैसी समस्याओं में भी लाभ देती है. वॉकिंग से एंडॉर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जो मेंटल हेल्थ को बेहतर करता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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