विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक खास पहल करते हुए अपने निवास पर सिंदूर का पौधा लगाया. यह पौधा हाल ही में कच्छ यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को भेंट स्वरूप मिला था.
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विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक खास पहल करते हुए अपने निवास पर सिंदूर का पौधा लगाया. यह पौधा हाल ही में कच्छ यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को भेंट स्वरूप मिला था. इस पौधे को उन्हें 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने उपहार में दिया था, जो उस संघर्ष की वीरता और प्रकृति के प्रति प्रेम का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पौधा लगाते हुए एक संदेश भी दिया कि प्रकृति और परंपरा दोनों को साथ लेकर चलना ही असली विकास है. उन्होंने इस अवसर पर लोगों से आग्रह किया कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हर कोई एक पौधा जरूर लगाए और उसकी देखभाल करे.
क्या होता है सिंदूर का पौधा?
सिंदूर का पौधा का विज्ञानिक नाम Bixa orellana है, जो आमतौर पर 'अन्नाटो' या 'लिपस्टिक ट्री' के नाम से भी जाना जाता है. यह एक औषधीय और रंगीन पौधा है, जिसकी फलियों में पाए जाने वाले बीजों से नेचुरल सिंदूर तैयार किया जाता है.
कैसे तैयार होता है सिंदूर?
सिंदूर का पौधा जब फल देता है, तो उसके अंदर छोटे-छोटे बीज होते हैं. इन बीजों की परत पर एक गहरा लाल रंग का पदार्थ होता है, जिसे सुखाकर और पीसकर पारंपरिक सिंदूर बनाया जाता है. यह नेचुरल सिंदूर त्वचा के लिए सेफ होता है और कई बार भोजन में भी रंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, सिंदूर के पौधे की पत्तियों और बीजों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और स्किन की बीमारियों से लेकर दिल की सेहत तक कई फायदे देता है.
सांस्कृतिक और औषधीय महत्व
भारतीय संस्कृति में सिंदूर का विशेष महत्व है. विवाहिता स्त्रियां इसे मांग में लगाकर अपने वैवाहिक जीवन का प्रतीक मानती हैं. वहीं, पारंपरिक पूजा-पाठ में भी इसका उपयोग होता है. ऐसे में इसका पौधा लगाना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा से जुड़ाव भी दर्शाता है.