मुर्गे जैसे आसन वाले योग को 'कुक्कुटासन' कहा जाता है, तो मेंटल और फिजिकल होनों तरह के हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है. क्या आप इसकी विधि जानते है?
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Kukkutasana Yoga: कुक्कुटासन योगासनों की खास मुद्राओं में से एक है, जो कंधों और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही शरीर में एनर्जी और बैलेंस बनाए रखने में बेहद कारगर होता है. ये हठ योग का एक महत्वपूर्ण आसन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
कुक्कुटासन क्या है?
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, कुक्कुटासन एक शक्तिशाली योगासन है, जो शरीर और मन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है. संस्कृत में 'कुक्कुट' का मतलब मुर्गा और 'आसन' का अर्थ योग मुद्रा है. इस आसन में शरीर की स्थिति मुर्गे जैसी बनती है, इसलिए इसे मुर्गा आसन भी कहा जाता है. ये हठ योग का एक अहम आसन है, जो शारीरिक और मानसिक सेहत को बढ़ावा देता है.
कैसे करें ये आसन?
एक्सपर्ट बताते हैं कि कुक्कुटासन करने की सही विधि क्या है? एक्सपर्ट के अनुसार, कुक्कुटासन एक संतुलनकारी योगासन है, जिसमें शरीर का वजन बाहों और कंधों पर संतुलित किया जाता है. इसे करने के लिए सबसे पहले पद्मासन (कमल मुद्रा) में बैठें. फिर दोनों हाथों को जांघों और पिंडलियों के बीच के स्थान से निकालकर हथेलियों को जमीन पर टिकाएं. इसके बाद, शरीर को हथेलियों के बल ऊपर उठाएं, ताकि पूरा वजन बाहों पर आए. इस स्थिति में संतुलन बनाए रखते हुए कुछ देर रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं.
कुक्कुटासन के फायदे
1. मजबूत शरीर
कुक्कुटासन की रेगुलर प्रैक्टिस से सेहत को कई फायदे मिलते हैं. ये बाहों, कंधों और कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे शरीर में शक्ति और स्थिरता बढ़ती है. ये पेट की चर्बी घटाने में मदद करता है और डाइजेशन को बेहतर बनाता है. ये आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखता है और शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है.
2. मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा
मानसिक रूप से, ये एकाग्रता और संतुलन के साथ ही ध्यान को भी बढ़ाने में कारगर है. रेगुलर प्रैक्टिस से तनाव और चिंता में कमी आती है. इसके अलावा, ये कलाई और कोहनी के जोड़ों को मजबूती देता है.
इन बातों का रखें ख्याल
कुक्कुटासन के नियमित अभ्यास से शरीर और मन दोनों को कई फायदे मिलते हैं. हालांकि, इसकी प्रैक्टि आसान नहीं होता है. इसे करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. इसे करने से पहले शरीर को वार्म-अप करना जरूरी है. जिन्हें कलाई, कंधे या कोहनी में दर्द या चोट हो, उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए.
किन लोगों को बचना चाहिए?
प्रेग्नेंट महिलाओं और हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को भी इसे करने से बचना चाहिए. शुरुआती लोगों को योग एक्सपर्ट की देखरेख में इसका अभ्यास शुरू करना चाहिए. आसन के दौरान सांस को सामान्य रखें और शरीर पर अनावश्यक दबाव न डालें.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.