बलात्कार के पीछे क्या होती है रेपिस्ट की गंदी मानसिकता, साइकोलॉजिस्ट ने खोले ये डरा देने वाले राज
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बलात्कार के पीछे क्या होती है रेपिस्ट की गंदी मानसिकता, साइकोलॉजिस्ट ने खोले ये डरा देने वाले राज

रेपिस्ट रेप क्यों कहता है एक बहुत बड़ा बहस का विषय है. रेप एक ऐसा अपराध है जो कि मानसिक विकृति से भी जुड़ा होता है. कोई भी रेपिस्ट केवल यौन संतुष्टि के लिए रेप नहीं करता है बल्कि वह मर्दानगी, ताकत और अपमानित करने के लिए ऐसा अपराध करता है. 

 

बलात्कार के पीछे क्या होती है रेपिस्ट की गंदी मानसिकता, साइकोलॉजिस्ट ने खोले ये डरा देने वाले राज

रेप बहुत बड़ा अपराध है. यह एक ऐसा क्राइम जो कि मानसिक विकृति से भी जुड़ी होती है. आए दिन रेप की खबरें सुनने की मिलती है, लोगों के जेहन में आता है कि आखिर कोई रेप क्यों करता?  Holistic Health And Healing हॉस्पिटल्स की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर भवनीत कौर से रेपिस्ट की मानसिकता को समझने की कोशिश करते हैं. 

  1. अपमानित करना 
  2. रेपिस्ट का रेप यौन संतुष्टि के लिए नहीं, बल्कि शक्ति और नियंत्रण के उद्देश्य से करता है. रेपिस्ट का असली मकसद किसी किसी पर हावी होना और उसे अपमानित करना है. रेपिस्ट अक्सर अपनी ताकत दिखाने और मानसिक संतुष्टि महसूस करने के लिए, वहीं कुछ मामलों में रेपिस्ट का मकसद पीड़ित को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि उसके जरिए अपने अंदर की कुंठा, गुस्सा निकालने और हक जमाने की भावना से करता है. 
  3. रेपिस्ट की मानसिकता क्या होती है
    एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर 
    ASPD डिसऑर्डर  में लोग दूसरों की भावनाओं को समझ नहीं नहीं पाते हैं, वह किसी के अधिकारों के बारे में नहीं सोचते हैं. एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लोग बिना सोचे गलत काम करते हैं. 
  4. महिलाओं के प्रति गुस्सा और नफरत 
    कुछ रेपिस्ट में महिलाओं के प्रति काफी गुस्सा, नरफरत और नाराजगी होती है. महिलाओं के प्रति की खराब सोच महिलाओं को अपमानित करने की इच्छा से गलत काम करते हैं. 
  5. बचपन के खराब अनुभव 
    कुछ रेपिस्ट के साथ बचपन में यौन शोषण, घरेलू हिंसा, समाज में उपेक्षा जैसी घटना हुई होती है, जिस वजह से वह खुद के किए गए अपराध को सही मानते हैं. रिसर्च कहती है कि जो बच्चा यौन शोषण, घरेलू हिंसा जैसे माहौल में बड़ा होता है या फिर ऐसे परिवार में बड़ा होता है जहां पर मर्दानगी को ताकत या फिर वर्चस्व से जोड़ा जाता है तो वह बच्चा बड़ा होकर सही और गलत के बीच फर्क को समझ नहीं पाता है. इस तरह के माहौल में बड़े हुए बच्चे दूसरो खासकर महिलाओं क इंसान नहीं बल्कि एक चीज की तरह देखते हैं. 
  6. Disclaimer प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.  
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शिल्पा

शिल्पा सिंह ने जामिया मिलिया इस्लामिया से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है. इनकी खास दिलचस्पी हेल्थ, वुमन हेल्थ, और लाइफस्टाइल से जुड़े विषयो पर है. शिल्पा को राइटिंग के अलावा फिल...और पढ़ें

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