बिना बुक किए ऑटो से गई लड़की, बताया ऐप से कितना आता है फर्क! लोगों के उड़ गए होश
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बिना बुक किए ऑटो से गई लड़की, बताया ऐप से कितना आता है फर्क! लोगों के उड़ गए होश

Viral News: शहर में ट्रैफिक और बढ़ती ऑटो किराए की समस्या कोई नई बात नहीं है. लेकिन अब एक महिला ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी तुलना पेश की है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है.

बिना बुक किए ऑटो से गई लड़की, बताया ऐप से कितना आता है फर्क! लोगों के उड़ गए होश

Bengaluru Auto Fare: बेंगलुरु शहर में ट्रैफिक और बढ़ती ऑटो किराए की समस्या कोई नई बात नहीं है. लेकिन अब एक महिला ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी तुलना पेश की है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. यह मामला अदिति श्रीवास्तव नाम की महिला का है, जिन्होंने बेंगलुरु में लगभग 2.6 किलोमीटर का सफर किया और इसके दो अलग-अलग किराए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं.

सिर्फ 39 रुपये में सफर

उन्होंने एक तस्वीर में ऑटो के मीटर का किराया दिखाया जो ₹39 था, वहीं दूसरी तस्वीर में ऑनलाइन कैब ऐप (संभावित तौर पर Uber) का किराया दिखाया गया जो ₹172.45 था. इस भारी अंतर ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दे दिया. अदिति ने एक्स पर लिखा, "मीटर पर जो किराया है और ऐप पर जो दिखता है, उसमें जमीन-आसमान का फर्क है. अगर बेंगलुरु में आपकी अपनी गाड़ी नहीं है तो आप फंस गए."

 

 

ऑनलाइन बुक करने पर 4 गुना पैसे

यह कोई पहला मौका नहीं है जब बेंगलुरु के लोग ऑनलाइन ऑटो या कैब किराए को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. इस पोस्ट के सामने आते ही कई यूजर्स ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स द्वारा किए जा रहे किराया शोषण की आलोचना की. एक यूजर ने लिखा, "ये तो पूरा शोषण है इन ऐप्स द्वारा." वहीं दूसरे यूजर ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से Uber पर मीटर के आसपास का किराया दिख रहा है, लेकिन ड्राइवर राइड एक्सेप्ट ही नहीं कर रहे. Ola और NY राइड कन्फर्म कर रहे हैं क्योंकि वो 50 रुपये ज़्यादा चार्ज कर रहे हैं."

पोस्ट पर लोगों ने क्या कहा?

एक और यूजर ने इसका विश्लेषण करते हुए लिखा, "Uber का किराया डिमांड और सप्लाई के हिसाब से तय होता है, जबकि मीटर का किराया सरकार द्वारा फिक्स किया गया है. सही यही है कि किराया सप्लाई-डिमांड पर आधारित हो, लेकिन बेंगलुरु में सरकार और ऑटो माफिया के कारण ये भी ठीक से लागू नहीं हो पाता. ऊपर से बाइक टैक्सी पर बैन और नॉन-कन्नड़ ऑटो को हटाने जैसे कदम स्थिति को और बिगाड़ देते हैं."

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अल्केश कुशवाहा

अल्केश कुशवाहा जी हिंदी डिजिटल ट्रेंडिंग व ट्रेवल सेक्शन के इंचार्ज हैं. उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में 13 साल से ज्यादा समय का अनुभव है. उन्होंने करियर की शुरुआत कैनविज टाइम्स अखबार से साल 2012 ...और पढ़ें

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