Trending Photos
Inspirational Story: आंध्र प्रदेश के अनकापल्ले जिले में रहने वाले 21 वर्षीय प्रभु प्रसाद कोई सुपरहीरो नहीं हैं, लेकिन उनकी हिम्मत और जज्बा उन्हें किसी भी हीरो से कम नहीं बनाते. प्रभु एक दुर्लभ और गंभीर त्वचा रोग से जूझ रहे हैं जिसमें उनकी त्वचा रोजाना झड़ती है और सांप जैसी दिखती है. सूरज की रोशनी उनकी त्वचा को जला देती है जिससे राहत पाने के लिए उन्हें हर एक घंटे में नहाना पड़ता है.
किस नाम से पुकारते हैं लोग?
स्थानीय लोग उन्हें 'सांप प्रसाद' के नाम से पुकारते हैं. यह नाम किसी मजाक या नफरत से नहीं बल्कि अज्ञानता से उपजा है. लोग उनकी बीमारी को नहीं समझते, इसलिए उनसे दूरी बनाकर रखते हैं. इस सामाजिक बहिष्कार के बावजूद प्रभु का हौसला कभी नहीं टूटा. वह पढ़ाई करना चाहते हैं और एक ऐसा भविष्य बनाना चाहते हैं जिससे सिर्फ उनकी जिंदगी ही नहीं, बल्कि उनकी मां की मेहनत भी रंग लाए.
क्या करते हैं मां-बाप?
प्रभु के पिता का देहांत तब हो गया था जब वो बहुत छोटे थे. उनकी मां एक मजदूर हैं और दिन-रात मेहनत करके घर चलाती हैं. उन्होंने प्रभु को लेकर कई सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन आज तक कोई डॉक्टर उनकी बीमारी का सही इलाज नहीं बता पाया. कुछ डॉक्टरों ने माना कि उन्होंने ऐसा मामला कभी नहीं देखा, और कुछ ने साफ कहा कि इसका कोई इलाज नहीं है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना भी संभव नहीं है.
प्रभु जैसे लोग जो बाहर से अलग दिखते हैं, उन्हें लोग समझने के बजाय डरते हैं. प्रभु को दोस्त नहीं मिलते, लोग उन्हें अजीब निगाहों से देखते हैं और समाज से दूरी बनाए रखते हैं. लेकिन प्रभु हार नहीं मानते. उनका सपना है कि लोग उन्हें बीमारी या डर की नजर से नहीं बल्कि एक इंसान, एक मेहनती युवक के रूप में देखें.