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भारत का महा कंजूस राजा...₹2035576 करोड़ की दौलत, किलो में तौलता था हीरे और टनों में सोना पर पीता था लोगों की जूठी सिगरेट और टूटी-फूटी टिन की थाली में खाता था खाना

India's First Billionaire: : राजा-महाराजा के नाम के साथ ही करोड़ों की संपत्ति और हीरे-जवाहारात दिखने लगते हैं, लेकिन जिस राता की बात आज हम करने जा रहे हैं, वो था तो भारत का पहला अरबपति, लेकिन अपनी कंजूरी के लिए बदनाम था.  कंजूसी ऐसी कि लोगों की जूठी सिगरेट तक पी लेता था.  

Hyderabad Falaknuma Palace

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 Hyderabad Falaknuma Palace

 

Hyderabad Falaknuma Palace: भारत के राज परिवारों की विरासत के हजारों किस्से-कहानियां है. करोड़ों की दौलत, हीरे-जवाहरात, जमीन-जायदाद..राजा-महाराओं के पास संपत्ति की कोई कमी नहीं थी. हजारों एकड़ में फैले महल, रानियां और राजकुमारियों से भरा रहता था. आज जिस राजा का किस्सा सुना रहे हैं, उनके पास इतनी दौलत थी कि हीरे किलो में और सोने-चांदी टन में तौले जाते थे. उस जमाने में उनके पास 50 के अधिक रोल्स रॉयल गाड़ियां थी. इतना पैसा कि वो सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स में शामिल थे. ये किस्सा है हैदराबाद रियासत के निजाम की.  

भारत का पहला अरबपति

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 भारत का पहला अरबपति

 

भारत के पहले अरबपति का खिताब उम्मान अली खान के पास है. हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के पास इतनी दौलत थी कि उसका अंदाजा लगा माना मुश्किल है. उनके पास हीरे-सोने-चांदी, नीलम-पुखराज जैसे रत्नों का भंडार था. इतना सोना था कि सोने की ईंटों से लदा ट्रक बगीचे में खड़ें रहते थे. उनके पास 236 अरब डॉलर यानी करीब 2,03,55,76,70,00,000 रुपये की संपत्ति थी.  

हीरे का पेपरवेट

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 हीरे का पेपरवेट

 

मीर इस्मान खान के पास 185 कैरेट का जैकब हीरा था, जिसका पेपरवेट बनाकर वो इस्तेमाल करते थे.  इस पेपरवेट की कीमत 1350 करोड़ थी. उनके महल में 20 लाख पाउंड कैश में रखे थे.  रहने के लिए दर्जनों महल थे, लेकिन उनका अधिकांश वक्त हैदराबाद के बीचों-बीच बने  फलकनुमा पैलेस में बीतता था. कहा जाता है कि उनके पास इतने हीरे थे कि ओलंपिक साइक का एक स्विमिंगपूल उनसे भर जाए.  

फलकनुमा महल के मालिक

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 फलकनुमा महल के मालिक

 

साल1893 में इस पैलेस को हैदराबाद के प्रधानमंत्री नवाब सर विकार उल उमर ने बनवाया था, लेकिन इसे आलीशान बनाने का श्रेय हैदराबाद के आखिरी निजाम  उम्मान अली खान, असफ जाह VII को जाता है. उस दौर में इस महल को बनाने में 40 लाख रुपये का खर्च आया था.  पैलेस 32 एकड़ क्षेत्र पर बना हुआ है .  पढ़ें- वो खूबसूरत रानी जिसने शादी तोड़ने के लिए कबूला इस्लाम, बनीं ₹24000 करोड़ की रियासत की महारानी, शौक और शराब में खाली कर दिया शाही खजाना, फिजूलखर्ची के लिए बदनाम

पैलेस में हैं 220 कमरे , दुनिया का सबसे बड़ा डाइनिंग टेबल

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 पैलेस में हैं 220 कमरे , दुनिया का सबसे बड़ा डाइनिंग टेबल

   फलकनुमा पैलेस में कुल 220 कमरे हैं. महल की खूबसूरती को देखते हुए उसे टाइम्स मैगजीन ने अपने कवर पेज पर जगह ली थी. फलकनुमा पैलेस में दुनिया का सबसे बड़ा डाइनिंग टेबल, जो कि सात अलग-अलग टुकड़ों से बनी है. 80 फीट लंबे इस टेबल पर एक साथ 101 लोग बैठकर खाना खा सकते हैं.  

 

कितनी संपत्ति

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   कितनी संपत्ति

  ब्रिटिश न्यूजपेपर ‘द इंडिपेंडेन्ट’ की एक खबर के अनुसार हैदराबाद के निजाम के पास साल  1886-1967 के बीत कुल संपत्ति 236 अरब डॉलर की संपत्ति थी.  हैदराबाद के निजाम ने  चीन से 1965 के वॉर के दौरान भारत सरकार को  पांच टन (5000 किलो) सोना दान में दिया था.     

महा कंजूस से हैदराबाद के निजाम

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 महा कंजूस से हैदराबाद के निजाम

 

हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली भारत के सबसे अमीर शख़्स थे पर उतने ही बड़े कंजूस भी थे.  निजाम की कंजूसी का आलम ये था कि वो लोगों की जूठी सिगरेट तक नहीं छोड़ते थे. इतिहासकार डोमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स की किताब 'फ्रीडम ऐट मिडनाइट' के मुताबिक  मीर उस्मान अली अपनी कंजूसी के लिए बदनाम थे. जब भी उनके महल में कोई मेहमान आता था और अपनी बुझी सिगरेट छोड़ जाता तो निजाम उसकी जूठी और बुझी सिगरेट उठाकर पीने लगते.  

सोने-चांदी की प्लेट का भंडार, लेकिन खुद के लिए टीन के प्लेट

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 सोने-चांदी की प्लेट का भंडार, लेकिन खुद के लिए टीन के प्लेट

  निजाम खुद पर खर्च नहीं करते थे. निजाम ने अपनी लाइफ में 35 साल तक एक ही टोपी पहनी और वे अपने कपड़े भी कभी प्रेस नहीं करवाते थे.  निजाम की कंजूसी की हालत ये थी कि वो सोने-चांदी का बर्तन होने के बावजूद खुद टीन के बर्तन में खाना खाया करते थे. डोमिनिक लापिर और लैरी कॉलिन्स ने अपनी किताब में निजाम की कंजूसी के बारे में लिखा कि उनके पास इतने सोने के बर्तन थे कि उसमें एक साथ 200 लोग खाना खा लें, लेतिन वो  खुद पुराने टीन के बर्तन में खाना खाते थे.     

लोगों की कार हड़पने की बीमारी

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  लोगों की कार हड़पने की बीमारी

 

निजाम के पास लग्जरी गाड़ियों की कोई कमी नहीं थी, 5- रोल्स रॉयल उनके गैराज में खड़ी थी, लेकिन वो जब  भी कभी उनकी राजधानी में लग्जरी गाड़ियां दिखती थी वो उस कार के मालिक से उस गाड़ी को जबरन तोहफे में मांग लेते थे.  हजारों गाड़ियों के बावजूद वो खटारा कार से चलते थे. 

 

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