हर “Free Wi-Fi” भरोसेमंद नहीं होता. साइबर क्रिमिनल्स नकली या “Evil Twin” नेटवर्क बनाते हैं, जो दिखने में असली Wi-Fi जैसा लगता है. जैसे ही आप कनेक्ट होते हैं, वे चुपचाप आपका पासवर्ड, ईमेल और पर्सनल डेटा चोरी कर सकते हैं. क्या करें: किसी भी पब्लिक Wi-Fi से कनेक्ट होने से पहले, उस जगह के स्टाफ से पूछ लें या नोटिस बोर्ड पर दिए गए असली नेटवर्क नाम की जांच करें.
अगर आपके डिवाइस में File Sharing, Bluetooth Sharing या AirDrop ऑन है, तो पब्लिक Wi-Fi पर यह बहुत खतरनाक हो सकता है. हैकर्स आपके डिवाइस में मौजूद प्राइवेट फाइल्स चुरा सकते हैं या उसमें मालवेयर डाल सकते हैं. क्या करें: पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करते समय इन फीचर्स को बंद कर दें और जरूरी काम के बाद ही इन्हें ऑन करें.
जब आप बिना VPN के पब्लिक Wi-Fi इस्तेमाल करते हैं, तो आपका डेटा बिना एन्क्रिप्शन के ट्रांसफर होता है. यह हैकर्स के लिए आपके डेटा को इंटरसेप्ट करने का खुला निमंत्रण है. क्या करें: पब्लिक Wi-Fi पर हमेशा HTTPS साइट्स खोलें और एक भरोसेमंद VPN का इस्तेमाल करें, ताकि आपका डेटा एन्क्रिप्टेड रहे और कोई बीच में सुन न सके.
अगर आपके फोन या लैपटॉप में Auto-Connect Wi-Fi सेटिंग ऑन है, तो यह आपके बिना जाने किसी भी नेटवर्क से जुड़ सकता है. हैकर्स अक्सर फेक हॉटस्पॉट उसी नाम से बनाते हैं, जिससे आपका डिवाइस खुद-ब-खुद कनेक्ट हो जाए. क्या करें: सेटिंग में जाकर Auto-Connect को बंद कर दें और सिर्फ उसी नेटवर्क से कनेक्ट हों, जिसे आपने खुद चुना है.
जरूरी काम के लिए मोबाइल डेटा का इस्तेमाल करें, खासकर बैंकिंग या ऑनलाइन शॉपिंग के समय. ब्राउजर में HTTPS वाला ताला चिह्न देखें. कोई भी प्राइवेट या संवेदनशील जानकारी पब्लिक नेटवर्क पर न डालें. सिस्टम और ऐप्स को अपडेट रखें ताकि सिक्योरिटी पैच लगे रहें.
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