Banke Bihari: वृंदावन के अति कोमल बांके बिहारी जी के ये हैं 4 रोचक तथ्य, बांसुरी से जुड़ी ये बात कर देगी हैरान
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Banke Bihari: वृंदावन के अति कोमल बांके बिहारी जी के ये हैं 4 रोचक तथ्य, बांसुरी से जुड़ी ये बात कर देगी हैरान

Banke Bihari Vrindavan Fact In Hindi: बांके बिहारी जी हर भक्त के हृदय में बसते हैं. वृंदावन में हर दिन ठाकुर जी के दर्शन के लिए आते हैं. आज हम जानेंगे वृंदावन के बांके बिहारी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिसके बारे में अब तक आप अंजान होंगे. आइए इस बारे में विस्तार से जानें. 

banke bihari vrindavan
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Banke Bihari Temple Fact: श्री धाम वृंदावन में विराजने वाले अति कोमल बांके बिहारी जी हर भक्त के हृदय में बसते हैं. श्री कृष्ण और राधा रानी के भक्तों के लिए वैसे तो वृंदावन का कण कण अमृत समान है. लेकिन बिहारी जी के लिए भक्तों के मन में एक अलग ही प्रेम है. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला के करीब के क्षेत्र को ब्रज धाम या ब्रज भूमि के रूप में जाना जाता है. ये को सभी जानते हैं कि भगवान ने वृंदावन में ही अपना बाल्यकाल बिताया. लेकिन वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होगा. कुछ ऐसे ही तथ्यों को आइए जानते हैं तो चौंकाने वाले हैं. 

बिहारी जी की मंगला आरती से जुड़ा तथ्य 
बिहारी जी की मंगला आरती को लेकर नियम है कि साल में केवल एक दिन ही बिहारी जी की मंगला आरती होती है. हर साल भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर यानी जन्माष्टमी तिथि पर मंगला आरती करने का नियम है. वहीं हर दिन की होने वाली आरती को श्रृंगार आरती कहते हैं. ऐसे में मंगला आरती के लिए जन्माष्टमी के दिन बिहारी जी के दर्शन के लिए वृंदावन आना होगा. 

बिहारी जी की बांसुरी से जुड़ा तथ्य 
बांके बिहारी जी को बांसुरी अति प्रिय है उन्हें हर दिन बांसुरी धारण नहीं करवाया जाता है. इसे लेकर मंदिर के पंडितों का कहना है कि बिहारी बहुत कोमल हैं और उनके हाथ भी बहुत कोमल हैं ऐसे में हर दिन भगवान बांसुरी धारण नहीं करते हैं. बिहारी जी को केवल शरद पूर्णिमा के शुभ मौके पर साल में एक बार बांसुरी धारण करवाने का नियम है. 

बिहारी जी के चरण दर्शन से जुड़ा तथ्य
बांके बिहारी जी के दर्शन तो उनके भक्त करते हैं लेकिन उनके चरणों के दर्शन हर दिन नहीं होते. इसके पीछे का तथ्य ये हैं कि बिहारी जी के चरण कमल का दर्शन केवल एक मौके पर ही किया जा सकता है. अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी अपने चरणों का दर्शन देते हैं. बिहारी जी के चरण कमल को राधारानी के लंहगे से ढ़का जाता है.

अर्धनारीश्वर के रूप में होते हैं बिहारी जी
वृंदावन में बांके बिहारी जी अर्धनारीश्वर के रूप में विराजमान हैं. बिहारी जी को ध्यान से देखें तो जान पाएंगे कि एक ओर बिहारी जी हैं और दूसरी ओर श्रीराधारानी विराजमान हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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