Phalgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर एक ऐसा काम कर सकते हैं जिससे महाकुंभ में डुबकी लगाने जितना फल प्राप्त हो सकता है. कुंभ नगरी हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद कुछ धार्मिक अनुष्ठान भी कर सकते हैं.
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Falgun Amavasya 2025 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार हिंदू महीनों में फाल्गुन का महीना सबसे आखिरी में आता है. वहीं हर एक 12 महीने में कुल 12 अमावस्या तिथि पड़ती है. सभी अमावस्या तिथि पर पितृ शांति के लिए पूजा पाठ किया जाता है. इस तिथि पर पूजा पाठ, दान आदि का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की अमावस्या को बहुत विशेष माना गया है.
फाल्गुन अमावस्या कब है
वैदिक पंचांग को देखें तो फाल्गुन (Falgun Amavasya 2025 Date and time) अमावस्या तिथि 27 फरवरी को सुबह के 08 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 28 फरवरी की सुबह को 06 बजकर 14 मिनट पर तिथि का समापन हो रहा है. इस तरह 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या के धर्म कर्म किए जा सकेंगे.
तीर्थ नगरी हरिद्वार
बताया जाता है कि अमावस्या के दिन तीर्थ नगरी हरिद्वार में स्नान ध्यान करने का बहुत महत्व है. फाल्गुन अमावस्या पर साधक अगर हरिद्वार में गंगा स्नान करता है और धार्मिक अनुष्ठान व धार्मिक कार्य आदि करता है तो इसका विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है. ध्यान दें कि चार कुंभ नगरी में से हरिद्वार में प्रत्येक 12 साल के अंतराल में कुंभ का आयोजन किया जाता है. इतना ही नहीं इस देव नगरी की एक विशेष बात ये भी है कि पहाड़ों से आने के बाद मां गंगा समतल क्षेत्र हरिद्वार में ही सबसे पहले प्रवेश करती है.
महाकुंभ में डुबकी लगाने जितना पुण्य
वहीं दूसरी ओर हिंदू धर्म में फाल्गुन अमावस्या भी एक विशेष तिथि है. ऐसे में अगर फाल्गुन अमावस्या के दिन कोई साधक हरिद्वार के हर की पौड़ी पर गंगा स्नान कर ध्यान दान करें तो उसके किसी भी काम में रुकावट नहीं आ सकती है. ध्यान दें कि अभी प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, देश की अलग अलग जगहों से लोग यहां पहुंच रहे हैं. वहीं कई ऐसे लोग होंगे हैं जो चाहकर भी संगम में डुबकी लगाने नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में अगर फाल्गुन अमावस्या पर हरिद्वार के हर की पौड़ी पर गंगा स्नान कर लें तो ऐसे लोग प्रयागराज के महाकुंभ में डुबकी लगाने जितना संपूर्ण फल पा सकते हैं. दैहिक, दैविक, भौतिक इन सभी प्रकार के दुखों से साधक को मुक्ति मिल सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)