Sawan 1st Somwar Upay: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आर्थिक समृद्धि का भी मार्ग खोलता है. जानें शिवलिंग पर जल अर्पित करने की सही विधि.
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Sawan 1st Somwar Upay: सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. इस पवित्र महीने में शिवभक्त पूरी श्रद्धा से भोलेनाथ की पूजा करते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं. मान्यता है कि सावन में शिवलिंग पर जल अर्पण करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं. विशेष रूप से सावन सोमवार, प्रदोष व्रत, और शिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर जलाभिषेक करना अत्यंत फलदायक माना गया है. हालांकि भगवान शिव भक्त के भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं, फिर भी पूजा की सफलता के लिए सही विधि और नियमों का पालन करना आवश्यक है.
शिवलिंग पर कैसे अर्पित करें जल
सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर मन में शिव पूजन का संकल्प लें. एक तांबे, पीतल या चांदी के पात्र में गंगाजल या स्वच्छ जल लें और उसमें थोड़े से अक्षत, चंदन और फूल डालें.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि
पूजन करते समय ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या पूर्व दिशा की ओर मुख रखें. यदि घर में शिवलिंग है तो उसे साफ-सुथरे स्थान पर स्थापित करें. जल चढ़ाते समय शिव परिवार के सभी अंग-स्वरूपों का ध्यान रखें. शिवलिंग के दाईं ओर जल चढ़ाएं- यह भगवान गणेश का स्थान है. बाईं ओर जल अर्पित करें- यह भगवान कार्तिकेय का स्थान है. इसके बाद बीच भाग में जल चढ़ाएं — इसे अशोक सुंदरी का प्रतीक माना जाता है. अशोक सुंदरी भगवान शिव की पुत्री हैं. गोलाकार भाग (जलाधारी) पर जल अर्पित करें — यह मां पार्वती का स्वरूप माना गया है. अंत में शिवलिंग के ऊपरी भाग पर जल अर्पित करें — यह स्वयं भगवान शिव का प्रतीक है।
मंत्र का जाप करें
जल चढ़ाते समय लगातार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें. यह मंत्र मन की एकाग्रता बढ़ाता है और शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है. इसके अलावा आप चाहें तो शिवलिंग पर जल अर्पित करते वक्त महामृत्युंजय मंत्र, शिव स्तोत्र, शिव स्तुति और रुद्राष्टध्यायी के ऋचाओं (मंत्रों) का भी जाप कर सकते हैं. मंत्र जाप की संख्या कम से कम 11 होनी चाहिए और अधिकतम जितना कर सकते हैं, उत्तम रहेगा.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के उत्तम समय
कब नहीं करें जल अर्पण?
सूर्यास्त के बाद (रात्रि में) शिवलिंग पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है, विशेषकर बिना दीप या मंत्र के. दोपहर के समय भी शिवपूजन कम फलदायक होता है, जब तक कि कोई विशेष पर्व या व्रत न हो.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)