Earthquake in Delhi: क्या आपने कभी इस पर गौर किया है कि भूकंप के दौरान मेट्रो ट्रेन्स को कुछ देर के लिए रोक दिया जाता है लेकिन भारतीय रेलवे की ट्रेन नहीं रूकती. लेकिन बहुत सारे लोगों को नहीं मालूम कि ट्रेनों को रोकने के पीछे की वजह क्या है?
Trending Photos
Indian Railway: दिल्ली एनसीआर में 10 जुलाई को सुबह-सुबह आए भूकंप ने मानों सबकी रफ्तार पर कुछ समय के लिए ब्रेक लगा दिया था. इसी दौरान दिल्ली मेट्रो को भी कुछ देर के लिए रोका गया था लेकिन भारतीय रेलवे की ट्रेन ने अपनी गति थामे रखी थी. एक्सपर्ट्स की मानें तो Indian Railway की ट्रेन भारी होती है और इनके ट्रैक्स भी जमीन पर स्थिर होते हैं और हल्के झटकों को झेल सकते हैं.
क्यों रोकी जाती है मेट्रो?
मेट्रो ट्रेनें हल्की होती हैं और अक्सर ही ऊंचे खंभों या टनल में तेज रफ्तार से चलती हैं. भूकंप के झटकों के कारण से इनका इंफ्रास्ट्रक्टर काफी प्रभावित हो सकता है, इसलिए भूकंप के समय मेट्रो को रोकना बहुत ही जरूरी हो जाता है. इनका रोकना इसलिए भी जरूरी होता है कि बड़े हादसों को टाला जा सके.
सिक्योरिटी सिस्टम
मेट्रो में हाईटेक सिस्मिक सेंसर(भूकंप सेंसर)लगे होते हैं जो हल्के झटकों को भी जल्दी ही भांप जाते हैं. भूकंप के झटके महसूस होते ही सेंसर तुरंत मेट्रो को रोकने का सिग्नल देते हैं. हालांकि सामान्य ट्रनों में ऐसी तकनीक नहीं होती है. मेट्रो में यात्रा करने वालों की संख्या भी काफी अधिक होती है जिससे भगदड़ या अफरा-तफरी का खतरा रहता है. आम ट्रेनें कम भीड़ वाले क्षेत्र में चलती है इसलिए हल्के झटकों में कोरने की जरूरत नहीं होती.
मेट्रो का इंफ्रास्ट्रक्टर
मेट्रो बुनियादी तौर पर पिलर, सुरंग और हर 2-3 मिनट पर आने वाले रेलवे स्टेशन पर टिका होता है. अगर भूकंप के झटके बढ़ते हैं तो इससे सबसे ज्यादा खतरा पिलर को होता है इसलिए इसे रोकना बहुत ही जरूरी हो जाता है. साथ ही मेट्रो को कंट्रोल रूम से ऑपरेट किया जाता है जिससे ऐसी परिस्थिति में तुरंत फैसला लिया जा सके.