Earthquake Causes: हाइपोसेंटर, धरती की सतह के नीचे वह बिंदु होता है जहां चट्टानों में तनाव के कारण उथल-पुथल होती है, इसे ही भूंकप का केंद्र या हाइपोसेंटर कहते हैं. यहीं से तरंगे(Waves) एनर्जी के रूप में बाहर निकलती हैं.
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Earthquake in Delhi: दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से भूकंप ने लोगों के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है. गुरूवार की सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर आए 4.2 के आसपास तीव्रता वाले भूकंप ने धरती को हिला दिया है. इसका केंद्र गुरवारा से आसपास, हरयाणा से 3-4 किमी दूर था. हैरान करने वाली बात ये है कि इस बार भूकंप ने बारिश के बीच दस्तक दी है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह और भारत में सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों के बारे में.
भूकंप के कारण
भूकंप का सबसे बड़ा कारण होता है टेक्टोनक प्लेट में किसी तरह के हलचल का होना. धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर टिकी हुई है जो लगातार धीमी गति से हिलती रहती हैं. इन प्लेट्स के आपसे में टकराने या खिसकने के कारण एक ऊर्जा निकलती है जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं. विज्ञान कहता है कि ये प्लेटें हर साल अपनी स्थिति 4-5 किलोमीटर तक बदलती हैं. इस बीच अक्सर इनमें टकराव होने से ये फंस जाती हैं और फिर से एनर्जी फ्री होने पर भूकंप आता है.
भारत में भूकंप के क्षेत्र
भारत के जिस क्षेत्र में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं उसे Ring of Fire कहा जाता है. इसमें अमेरिका, जापान, और इंडोनेशिया के भी कुछ हिस्से शामिल हैं. भारत में पिछले कुछ सालों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी खतरे के आधार पर देश को 5 भूकंपीय जोन में डिवाइड किया गया है.
जोन 5- इसमें पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात का कच्छ क्षेत्र, उत्तर बिहार और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं. यहां बार-बार भूकंप आते रहते हैं. यह सबसे अधिक खतरे वाले क्षेत्र माने जाते हैं.
जोन 4- जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश का उत्तरी भाग, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा इसमें आते हैं. यह उच्च खतरे वाले क्षेत्र हैं.
जोन 3- इसमें केरल, बिहार, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पूर्वी गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं. जोन 3 को मध्यम क्षेत्र में रखा जाता है.
जोन 2- ये कम खतरे वाले क्षेत्र हैं जिसमें राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हरियाणा आते हैं.
जोन 1- ये जोन न्यूनतम खतरे वाला होता है और इसमें पश्चिमी मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पूर्वी महाराष्ट्र और ओडिशा के कुछ हिस्से शामिल हैं.
भूकंप और बारिश
आज सुबह का भूकंप बारिश के बीच आया था इससे कई लोगों के मन में शंका की स्थिति उतपन्न हो गई थी कि कहीं इसकी वजह बारिश तो नहीं. आपको बता दें कि बारिश और भूकंप को कोई कनेक्शन नहीं होता. हालांकि कुछ मामलों में बहुत भारी वर्षा भूकंप के समय को प्रभावित कर सकती है.