भारत के एक दिग्गज बल्लेबाज ने टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद अभी भी छोड़ी नहीं है. हाल ही में BCCI ने 20 जून से शुरू हो रहे इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान किया, जिसमें इस दिग्गज का नाम नहीं था. दो साल से टेस्ट टीम से बाहर इस दिग्गज ने अब एक बयान में कहा है कि आर उन्हें मौका मिलता है तो वह इसके लिए तैयार हैं.
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भारत के एक दिग्गज बल्लेबाज ने टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद अभी भी छोड़ी नहीं है. हाल ही में BCCI ने 20 जून से शुरू हो रहे इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान किया, जिसमें इस दिग्गज का नाम नहीं था. दो साल से टेस्ट टीम से बाहर इस दिग्गज ने अब एक बयान में कहा है कि आर उन्हें मौका मिलता है तो वह इसके लिए तैयार हैं. यह बल्लेबाज और कोई नहीं, बल्कि चेतेश्वर पुजारा हैं. भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने की दौड़ से लंबे समय से बाहर चल रहा यह अनुभवी बल्लेबाज अब भी टेस्ट टीम का हिस्सा बनने का सपना संजोए हुए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें अपने करियर की दिशा को लेकर कोई अफसोस नहीं है.
दो साल से नहीं मिला मौका
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के रूप में खेला था. उस मैच में उनके बल्ले से 13 और 27 रन निकले थे और भारत को हार मिली थी. इस प्रदर्शन के बाद ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और वह अब तक वापसी के इंतजार में हैं. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने टेस्ट टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देने की रणनीति अपनाई है. शुभमन गिल को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का अवसर दिया गया, जबकि यशस्वी जायसवाल और सरफराज खान जैसे खिलाड़ियों को भी टेस्ट टीम में शामिल किया गया.
टीम से बाहर लेकिन नहीं मान रहे हार
टीम से बाहर होने के बाद भी चेतेश्वर पुजारा ने हार नहीं मानी है. वह लगातार फर्स्ट क्लास क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट में खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं ताकि सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकें. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. 2024-25 सीजन में भी उन्होंने ठीक-ठाक रन बनाए और एक दोहरा शतक भी लगाया, जो उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 18वां दोहरा शतक था. इसके अलावा पुजारा काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स के लिए खेलते रहे हैं, जहां उन्होंने शतक और अर्धशतकीय पारियां खेली हैं. काउंटी क्रिकेट में उनका प्रदर्शन हमेशा प्रभावशाली रहा है. उन्होंने 2022 में भी इसी के दम पर टीम इंडिया में वापसी की थी.
वापसी को लेकर दिया ये बयान
37 साल के पुजारा ने एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान PTI से कहा, 'अगर मुझे (भारत के लिए फिर से खेलने का) मौका मिलता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन निश्चित रूप से, हां, इस स्तर पर मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो वर्तमान में रहना पसंद करता है. अगर मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है, तो इससे बढ़िया कुछ नहीं हो सकता, यह सबसे अच्छी बात होगी. लेकिन साथ ही मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो शांति से रहता है, जो वर्तमान में रहना पसंद करता है और जो करता हूं उसे करता रहता हूं. अब तक का करियर शानदार रहा है, मुझे कोई पछतावा नहीं है.'
फिटनेस पर पुजारा का फोकस
इस दिग्गज बल्लेबाज ने आगे कहा, 'मैं अपने क्रिकेट का लुत्फ उठाता हूं, इसलिए जब तक मैं अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं, मैं खेलता रहूंगा. मैं अभ्यास करता हूं, मैं अपनी फिटनेस पर काम करता हूं.' उन्होंने कहा, 'आगे जो कुछ भी होगा, उस पर मेरा कोई कंट्रोल नहीं है, लेकिन मैं हमेशा उन चीजों पर कंट्रोल रखता हूं, जिन पर मैं कंट्रोल रख सकता हूं. यानी जब तक मैं खेल रहा हूं, तब तक खेल का लुत्फ उठाता रहूंगा, चाहे वह घरेलू स्तर पर हो, क्लब गेम हो या काउंटी क्रिकेट.'
भारत को जिताए हैं कई टेस्ट मैच
चेतेश्वर पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में कई मौकों पर भारत को मुश्किल परिस्थितियों से निकालकर मैच जिताए हैं. 2018-19 ऑस्ट्रेलिया दौरा (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी) उनके करियर का सबसे सुनहरे दौर में से एक रहा, जहां उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सीरीज के पहले टेस्ट में जब भारतीय बल्लेबाजी ढह गई थी, पुजारा ने एक छोर संभाले रखा और शानदार 123 रन बनाए, जिससे भारत एक प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंच सका. भारत ने वह मैच जीता था. इसके बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी उन्होंने धैर्यपूर्ण शतक लगाकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, जिससे भारत ने वह मैच भी जीता और सीरीज में 2-1 की अजेय बढ़त बनाई. सिडनी टेस्ट में पुजारा ने 193 रन की विशाल पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को थका दिया और भारत को एक विशाल स्कोर तक पहुंचाया. उनकी इस पारी से ही भारत ने यह मैच ड्रॉ खेला.
चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट करियर
चेतेश्वर पुजारा ने 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए हैं. इसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं, उनका उच्चतम स्कोर 206* है. उन्होंने राहुल द्रविड़ के बाद भारत के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाजी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली. पुजारा अपनी धैर्यपूर्ण और ठोस बल्लेबाजी शैली के लिए जाने जाते हैं, जिससे उन्होंने गेंदबाजों को थकाकर टीम को कई बार मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है. उनका करियर 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए खास है, जहां उन्होंने 521 रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जिताई और 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' बने. हालांकि, जून 2023 के बाद से उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला है, लेकिन वह अभी भी घरेलू और काउंटी क्रिकेट में लगातार रन बनाकर वापसी की राह देख रहे हैं.