भारत ने कर दी चीन की बत्ती गुल, Made in India स्मार्टफोन का अमेरिका में बजा डंका; सदमे में शी जिनपिंग
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भारत ने कर दी चीन की बत्ती गुल, Made in India स्मार्टफोन का अमेरिका में बजा डंका; सदमे में शी जिनपिंग

2025 के पहले 5 महीनों में भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात में 182% की बढ़ोतरी हुई है. Apple iPhone के निर्माण में भारत की भूमिका बढ़ी है, जिससे चीन की हिस्सेदारी काफी घट गई है. हालांकि, ट्रम्प की टैरिफ चेतावनी और सप्लाई चेन की चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं.

भारत ने कर दी चीन की बत्ती गुल, Made in India स्मार्टफोन का अमेरिका में बजा डंका; सदमे में शी जिनपिंग

2025 के पहले 5 महीनों यानी जनवरी से मई तक अमेरिका को भारत से स्मार्टफोन निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान भारत की हिस्सेदारी अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में 36% तक पहुंच गई, जो पिछले साल 2024 में सिर्फ 11% थी. दूसरी ओर, इस इंडस्ट्री का सबसे बड़ा खिलाड़ी माने जाने वाले चीन की हिस्सेदारी 82% से घटकर मात्र 49% रह गई है. इस बदलाव में सबसे बड़ा योगदान ऐपल के iPhone का रहा, जो इस समय भारत में बनाए जा रहे हैं. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत में बने iPhone पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे स्थिति काफी मुश्किल हो सकती है.

अमेरिका में भारत से स्मार्टफोन निर्यात में बढ़ोतरी
US इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (USITC) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मई 2025 तक भारत से अमेरिका को 21.3 मिलियन स्मार्टफोन यूनिट्स निर्यात किए गए, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है. इन स्मार्टफोन्स का कीमत 9.35 अरब डॉलर यानी भारतीय करेंसी की अनुसार लगभग 78,000 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में पूरे साल के 7 अरब डॉलर से ज्यादा थी. इसका मतलब है कि भारत से स्मार्टफोन निर्यात में 182% की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान चीन ने अमेरिका को 29.4 मिलियन स्मार्टफोन निर्यात किए, जो पिछले साल से 27% कम है और इनका मूल्य लगभग 10 अरब डॉलर था. अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में चीन की हिस्सेदारी 49%, भारत की 36%, और वियतनाम की 14%  लगभग 8.3 मिलियन यूनिट्स रही.

ऐपल की भारत में बढ़ती भूमिका
मई 2025 में Apple के CEO टिम कुक ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone भारत में बनाए गए होंगे. अभी ऐपल की वैश्विक iPhone उत्पादन क्षमता का लगभग 20% भारत में है. कंपनी ने 2020 में भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के बाद भारत में उत्पादन बढ़ाना शुरू किया था. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ऐपल को मिला, जिसने चीन से कुछ उत्पादन भारत में ट्रांसफर कर दिये.

बता दें कि शुरुआत में भारत में Apple के पुराने iPhone मॉडल बनाए जाते थे, लेकिन अब यहां सभी मॉडल बनाए जा रहे हैं, जिसमें हाई-एंड प्रो रेंज भी शामिल है. ऐपल के भारत में तीन मुख्य कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर हैं- Foxconn, पेगाट्रॉन, और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, इनमें से 70% iPhone निर्यात किए जाते हैं, खासकर अमेरिका को.

ट्रम्प की टैरिफ धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मई 2025 में टिम कुक को चेतावनी दी कि वह नहीं चाहते कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone भारत या किसी अन्य देश में बनाए जाएं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने टिम कुक को बहुत पहले बता दिया था कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone यहीं बनाए जाने चाहिए, न कि भारत या कहीं और. अगर ऐसा नहीं हुआ तो ऐपल को 25% टैरिफ देना होगा.' यह धमकी ट्रम्प की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें वह अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहते हैं.

भारत को लेकर Apple की प्लानिंग
ट्रम्प की धमकी के बावजूद, ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही कि Apple भविष्य में भी भारत में अपनी प्लानिंग बदलेगा. मई 2025 में ऐपल के सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि वह अपनी भारतीय इकाई, युजान टेक्नोलॉजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में 1.49 अरब डॉलर लगभग 12,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. यह नया प्लांट तमिलनाडु में बनाया जाएगा, जहां फॉक्सकॉन का पहले से ही एक बड़ा iPhone उत्पादन केंद्र है.

भारत में आ रहीं कई चुनौतियां
हालांकि, भारत में iPhone उत्पादन बढ़ रहा है, फिर भी कुछ चुनौतियां देखने को मिलती ही जा रही हैं. ऐपल की सप्लाई चेन में अभी भी चीन का दबदबा है. 2023 में ऐपल के 157 सप्लायर्स चीन में थे, जबकि 2022 में 151 थे. भारत में सप्लायर्स की संख्या 14 थी, जो अब बढ़कर 64 हो गई है. यह दिखाता है कि ऐपल धीरे-धीरे अपनी सप्लाई चेन को भारत में ट्रांसफर कर रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया थोड़ी धीमी चल रही है.

भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ोतरी
लोकसभा में बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि 2014-15 में भारत में केवल 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं, जो 2024-25 में बढ़कर 300 हो गई हैं. मोबाइल फोन का उत्पादन 28 गुना बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और निर्यात 127 गुना बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले 5 सालों में, 2020-21 से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में कुल 4,071 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है, जिसमें से 2,802 मिलियन डॉलर MeitY की PLI योजना के लाभार्थियों से है.

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अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ी 
भारत अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में तेजी से अपनी हिोस्सेदारी बढ़ा रहा है, खासकर ऐपल के iPhone के कारण. PLI योजना और फॉक्सकॉन जैसे बड़े निवेशकों की मदद से भारत एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है, लेकिन ट्रम्प की टैरिफ धमकी और चीन पर निर्भरता जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं. फिर भी ऐपल और भारत सरकार की रणनीतियां देश को वैश्विक स्मार्टफोन उत्पादन में एक मजबूत खिलाड़ी बना रही हैं.

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