ऑपरेशन महादेव के दौरान सोमवार को भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है. इसमें से एक आतंकी की पहचान पहलगाम के हमलावर के तौर पर भी हुई है.
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जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बीते सोमवार, 28 जुलाई को भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने एक मुठभेड़ के दौरान तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया. बताया जा रहा है ये तीनों आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े थे. इनमें से एक आतंकी की पहचान सुलेमान उर्फ आसिफ के नाम से हुआ है, जिसे इसी साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. इस हमले में 26 लोगों को उनका धर्म पूछकर मार डाला था. दूसरी ओर बाकी दो आतंकियों की पहचान यासिर और अबू हमजा के तौर पर की गई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन आतंकियों को पकड़ने में एक चाइनीज फोन की वजह से मदद मिल पाई.
चीनी डिवाइस से मिली जानकारी
भारत की सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों के एक ठिकाने के बारे में एक चीनी कम्युनिकेशन डिवाइस के एक्टिव होने पर पता चला. रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के बाईसरन इलाके में एक चीनी सैटेलाइट फोन का सिग्नल इंटरसेप्ट किया गया. इसके बाद खुफिया विभाग ने लगातार दो हफ्तों तक ऑपरेशन चलाकर महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाईं, जिससे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सकी और आगे की रणनीति तैयार हो पाई.
पाकिस्तान की सेना में भी होता है इसका इस्तेमाल
बता दें कि इस डिवाज को Ultra Set कहते हैं. यह चीन का एक एडवांस सिक्योर चाइनीज कम्युनिकेशन सिस्टम होता है. पाकिस्तान की सेना में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इस डिवाइज को GSM और CDMA नेटवर्क पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यह सिर्फ रेडियो वेव्स पर ही काम कर पाता है. रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के कंट्रोल स्टेशन से इस डिवाइज की हर यूनिट जुड़ी होती है. इसी डिवाइज की मदद से मिली जानकारी के आधार पर ऑपरेशन महादेव की शुरुआत की गई.
सेना को दिखी संदिग्ध गतिविधियां
महादेव पीक, श्रीनगर के नजदीक जबरवान पर्वतमाला का हिस्सा है, यहां के घने जंगलों वाले इलाके में आतंकियों के छिपे हुए थे. सुबह करीब 11 बजे 24 नेशनल राइफल्स और 4 पैरा यूनिट की टीम को वहां संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दीं और तुरंत ही ऑपरेशन शुरू कर दिया. भारतीय सेना को आतंकी एक टेंट में छिपे हुए मिले, इसके बाद सेना ने कुछ ही समय में तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया.
चीन की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी
22 अप्रैल 2024 को पहलागाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने संचार के लिए Huawei ब्रांड के सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही उन्होंने एनक्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए सीमा पार अपने ऑपरेटिव्स के साथ संपर्क बनाए रखा. ये घटना बताती है कि पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन अब चीन की तकनीकों के सहारे भारत हमलों की साजिश रच रहे हैं.
FAQ
Q1. ऑपरेशन महादेव किस जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था?
Ans. ऑपरेशन महादेव की शुरुआत एक चीनी सैटेलाइट फोन की गतिविधि से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी, जिसे 11 जुलाई को बाईसरन इलाके में इंटरसेप्ट किया गया था.
Q2. मारे गए आतंकियों में से किसे पहलागाम हमले का मास्टरमाइंड बताया गया है?
Ans. मारे गए आतंकियों में से सुलेमान उर्फ आसिफ को 22 अप्रैल 2024 के पहलागाम हमले का मास्टरमाइंड बताया गया है.
Q3. आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई चीनी डिवाइस कैसी है और इसका क्या महत्व है?
Ans. आतंकियों ने जिस Ultra Set नाम के चीनी डिवाइस का इस्तेमाल किया वह एक सुरक्षित संचार प्रणाली है, जो सिर्फ रेडियो वेव्स पर काम करती है और पाकिस्तान की सेना भी इसे इस्तेमाल करती है.