Malegaon Blast Case: 'मेरे फेफड़े दे गए थे जवाब...', प्रज्ञा ठाकुर ने सुनाई आपबीती, PM मोदी का नाम लेने के लिए किया गया टॉर्चर
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Malegaon Blast Case: 'मेरे फेफड़े दे गए थे जवाब...', प्रज्ञा ठाकुर ने सुनाई आपबीती, PM मोदी का नाम लेने के लिए किया गया टॉर्चर

Pragya Thakur: मालेगांव ब्लास्ट केस में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. बीजेपी की पूर्व सांसद  पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उनके ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया था.

Malegaon Blast Case: 'मेरे फेफड़े दे गए थे जवाब...', प्रज्ञा ठाकुर ने सुनाई आपबीती, PM मोदी का नाम लेने के लिए किया गया टॉर्चर

PM Modi: मालेगांव ब्लास्ट में बरी हुए आरोपियों को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस लगातार विस्फोट के आरोपी बनाए गए लोगों पर निशाना साध रही है. इसी बीच एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. ब्लास्ट केस के गवाह मिलिंद जोशी ने बड़ा दावा किया था कि इस ब्लास्ट में उनसे CM योगी को फंसाने के लिए कहा गया था. अब बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उनके ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया था.

मेरे फेफड़े दे गए थे जवाब
विस्फोटक दावा करते हुए सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बताया कि उनके ऊपर पीएम मोदी का नाम लेने के लिए दबाव बनाया गया. साथ ही साथ यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित कई लोगों का नाम लेने के लिए विवश किया गया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझसे कई लोगों के नाम लेने के लिए कहा गया जिसमें वरिष्ठ बीजेपी नेता राम माधव भी शामिल हैं. यह करे के लिए उन्होंने मुझे प्रताड़ित किया मेरे फेफड़े जवाब दे गए थे, उन्हें मुझे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया. मैं गुजरात में रहती थी इसलिए पीएम मोदी का नाम लेने के लिए कहा, उन्होंने आगे बताया कि मैनें किसी का नाम नहीं लिया क्यों वो मुझे झूठ बोलने के लिए विवश कर रहे थे.

और भी हो चुके हैं खुलासे
इससे पहले जी न्यूज से बात करते हुए मिलिंद जोशी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मुझे हिरासत में लेकर टॅार्चर किया गया. साथ ही मुझसे योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए कहा गया इसके अलावा आसीमनानंद का नाम लेने के लिए कहा गया. वहीं पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा कि इस केस में RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया था. मालेगांव ब्लास्ट केस के प्रमुख जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने उन्हें मोहन भागवत को पकड़कर लाने का आदेश दिया था. महबूब मुजावर ने दावा किया कि “भगवा आतंकवाद” की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी. बता दें कि NIA की विशेष कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में प्रज्ञा ठाकुर सहित 7 लोगों को बरी किया है.

F&Q
सवाल- मालेगांव ब्लास्ट कब हुआ था?
जवाब- मालेगांव ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 को भीकू चौक पर हुआ था.

सवाल- मालेगांव ब्लास्ट में कितने लोगों की जान गई थी?
जवाब- मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि 101 लोग घायल हुए थे. 

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