Trending Photos
Gen Z Travel Trends: एक समय था जब लोग सफर पर सिर्फ फेमस जगहें देखने और सेल्फी लेने जाते थे. लेकिन अब ट्रैवल का मतलब बदल रहा है. आज की युवा पीढ़ी, खासकर Gen Z और मिलेनियल्स, अब दूरी नहीं, गहराई चाहते हैं. वे अब हर जगह दौड़ने के बजाय रुकना, महसूस करना और खुद को समय देना पसंद करते हैं.
क्या है स्लो ट्रैवल का ट्रेंड?
स्लो ट्रैवल यानी धीरे-धीरे घूमना, खुद के हिसाब से समय बिताना और जगह की रफ्तार को अपनाना. जैसे बारिश में झूले पर किताब पढ़ना, धीरे-धीरे पहाड़ियों पर ट्रैक करना या बिना किसी अपराधबोध के कुछ न करना. अब सफर का मतलब बस एक जगह से दूसरी जगह जाना नहीं बल्कि खुद से जुड़ना बन गया है.
हॉस्टल क्यों बन रहे हैं नए ट्रैवल स्पॉट?
इस नए ट्रैवल ट्रेंड के केंद्र में हैं हॉस्टल. ये अब सिर्फ सस्ते रुकने की जगह नहीं, बल्कि नए अनुभवों का हिस्सा बन चुके हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अब हॉस्टल सिर्फ बेड नहीं, बोनफायर, बुक कॉर्नर, चाय पर अनजान दोस्तों से बातें और खुद को जीने की आज़ादी बन चुके हैं. बारिश के मौसम में ये हॉस्टल असली जादू जगाते हैं. पहाड़ी इलाके की खिड़की के पास बैठकर कॉफी पीना, बारिश की बूंदों को महसूस करना या अनजान ट्रैवलर्स के साथ स्टोरीज शेयर करना, ये सब चेकलिस्ट में नहीं, दिल में बस जाते हैं.
हॉस्टल क्यों दे रहे हैं इमोशनल कम्फर्ट?
हॉस्टल्स एक खास तरह का मानसिक सुकून देते हैं – जहां आप अकेले भी हो सकते हैं और साथ भी. यहां कोई आपको जज नहीं करता. आप चाहें तो चुपचाप जर्नल लिखें या छत पर गिटार बजाएं. यह सिर्फ ट्रैवल नहीं, एक तरह की मौजूदगी है. हॉस्टल अब सिर्फ रुकने की जगह नहीं, रुककर सोचने की जगह बन गए हैं. आज का युवा सिर्फ घूमना नहीं चाहता, वो कनेक्ट करना चाहता है – खुद से, दूसरों से और उस जगह से जहां वो है.