Intel CEO Lip Bu Tan: इंटेल सीईओ लिप-बु टैन चीन से कथित संबंधों के आरोपों पर ट्रंप की इस्तीफा मांग के बावजूद पद पर बने रहेंगे. टैन ने आरोपों को गलत बताया, बोर्ड ने समर्थन दिया. विवाद से शेयर गिरे, बाद में हल्की रिकवरी हुई.
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Intel CEO: अमेरिकी टेक दिग्गज इंटेल के सीईओ लिप-बु टैन चीन से कथित संबंधों को लेकर विवाद में घिर गए हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से उनके इस्तीफे की मांग की है, लेकिन टैन ने साफ कहा है कि वे पद नहीं छोड़ेंगे. कंपनी के बोर्ड का भी उन्हें पूरा समर्थन हासिल है.
दरअसल विवाद की शुरुआत टैन के पिछले कार्यकाल से हुई, जब वे कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स के सीईओ थे. इस कंपनी ने एक आपराधिक मामले में दोषी ठहरते हुए स्वीकार किया था कि उसने ब्लैकलिस्टेड चीनी विश्वविद्यालय को चिप डिजाइन बेचा था. इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि टैन ने करीब 200 मिलियन डॉलर का निवेश सैकड़ों चीनी टेक स्टार्टअप्स में किया, जिनमें कुछ का संबंध चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से भी था. इन आरोपों के बाद दो रिपब्लिकन सीनेटरों ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए.
टैन का जवाब और बोर्ड का समर्थन
इंटेल कर्मचारियों को लिखे पत्र में टैन ने इन आरोपों को “गलत जानकारी” बताया और अमेरिका के साथ अपने 40 साल पुराने जुड़ाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “मैंने अमेरिका में चार दशक से अधिक समय बिताया है और इस देश के अवसरों के लिए आभारी हूं.” टैन ने यह भी बताया कि इंटेल व्हाइट हाउस के साथ तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस साल के अंत तक अमेरिका में सबसे आधुनिक सेमीकंडक्टर तकनीक के साथ बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा. इंटेल के बोर्ड ने भी सार्वजनिक रूप से उनके नेतृत्व और सुधार प्रयासों का समर्थन किया है.
स्टॉक मार्केट में असर
ट्रंप के इस्तीफे की मांग के बाद इंटेल के शेयर 3 से 5 प्रतिशत गिर गए. हालांकि, टैन के बयान के बाद शुक्रवार को शेयरों में हल्की रिकवरी हुई और यह $19.95 पर बंद हुए जो पिछले दिन से 0.9% ज्यादा था. मार्च 2025 में सीईओ बनने के बाद कंपनी के शेयरों में करीब 15% की बढ़ोतरी हुई थी और यह लगभग $25.94 के उच्च स्तर तक पहुंचे थे.