Buddhist Monks in Cambodia: कंबोडिया में थाईलैंड के साथ हाल की सीमा झड़पों में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और शांति की कामना के लिए सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने एक खास धार्मिक समारोह किया. इस नेक काम की पूरे देश में तारीफ हो रही है.
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Cambodia Buddhist Monks Ceasefire With Thailand: कंबोडिया में थाईलैंड के साथ हाल की सीमा झड़पों में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और शांति की कामना के लिए सैकड़ों बौद्ध भिक्षुओं ने एक खास धार्मिक समारोह किया. इस नेक काम की पूरे देश में तारीफ हो रही है. शुक्रवार को राजधानी फ्नॉम पेन्ह में रॉयल पैलेस के पास बने देश के मुख्य बौद्ध स्कूल से भिक्षुओं ने एक मंदिर तक मार्च निकाला. वहां भिक्षुणियों और आम लोगों ने भी इस प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. मंदिर में भिक्षुओं ने मंत्रों का जाप किया और शहीद सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
मंदिर के अंदर 40 सैनिकों की फोटो
मंदिर के अंदर एक बोर्ड पर 40 से ज्यादा सैनिकों की वर्दी में तस्वीरें लगी थीं. हालांकि, यह साफ नहीं है कि ये तस्वीरें सिर्फ शहीदों की थीं या इसमें घायल और बंदी सैनिक भी शामिल थे. कंबोडिया सरकार ने बताया कि इस जंग में उनके छह सैनिक शहीद हुए.
ढाई लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए
यह झड़प पिछले महीने शुरू हुई थी और पांच दिन तक चली. इसमें दोनों तरफ के कई लोग जिनमें आम नागरिक भी थे मारे गए और ढाई लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए. 29 जुलाई को युद्धविराम लागू होने के बाद बड़ी लड़ाई तो रुक गई, लेकिन दोनों देश एक-दूसरे पर इस समझौते को तोड़ने का इल्जाम लगा रहे हैं. सीमा पर जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों को लेकर दशकों पुराना विवाद अभी सुलझा नहीं है.
हम थाईलैंड के साथ अच्छे पड़ोसी की तरह रहना चाहते हैं
फ्नॉम पेन्ह के मुख्य भिक्षु खेम सोर्न ने कहा, "हमारा मकसद सरकार के शांति प्रयासों को समर्थन देना और शहीद सैनिकों व नागरिकों की आत्मा को सम्मान देना था. हम सभी बौद्ध देशों, खासकर थाईलैंड से शांति और भाईचारे के साथ रहने गुजारिश करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "हम थाईलैंड के साथ अच्छे पड़ोसी की तरह, एकता और शांति से रहना चाहते हैं." यह जंग तब भड़की जब सीमा पर विवादित इलाके में बारूदी सुरंग फटने से पांच थाई सैनिक घायल हो गए.
800 किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद
दोनों देशों के बीच 800 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई इलाकों के मालिकाना हक को लेकर पुराना झगड़ा है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद जिन्होंने व्यापार वार्ता टालने की धमकी दी थी, 28 जुलाई को दोनों देश युद्धविराम पर राजी हुए. गुरुवार को मलेशिया में हुई बातचीत में युद्धविराम को और मजबूत करने की बात हुई, लेकिन 18 कंबोडियाई सैनिकों की रिहाई का मुद्दा नहीं सुलझ सका. इन सैनिकों को युद्धविराम के बाद बंदी बनाया गया था. थाईलैंड का कहना है कि वह इन सैनिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक पेश आ रहा है और लड़ाई पूरी तरह खत्म होने पर उन्हें रिहा करेगा.