PTI leaders of opposition removed from posts: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उमर अयूब को नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता पद से हटा दिया गया है. यह जानकारी पाकिस्तान के नेशनल असेंबली सचिवालय द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में दी गई है.
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PTI leader Omar Ayub removed as Opposition Leader: पाकिस्तान की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बड़े नेता उमर अयूब को नेशनल असेंबली में विपक्षी नेता के पद से हटा दिया गया है. नेशनल असेंबली सचिवालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है. इतना ही नहीं, उनका दफ्तर भी वापस ले लिया गया है. खबर है कि जल्द ही नए विपक्षी नेता की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा.
कई PTI नेताओं पर गिरी गाज
दुनिया न्यूज के मुताबिक, उमर अयूब अकेले नहीं हैं जिन्हें निशाना बनाया गया. PTI के दो अन्य बड़े नेताओं, जरताज गुल और अहमद चट्ठा को भी उनके संसदीय पदों से हटा दिया गया है. जरताज गुल को संसदीय नेता और अहमद चट्ठा को उप संसदीय नेता के पद से हटाया गया. इसके अलावा, उमर अयूब को पब्लिक अकाउंट्स कमेटी और वित्त कमेटी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
सात सांसदों की सदस्यता रद्द
PTI के लिए मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं. हाल ही में अयोग्य घोषित किए गए सात PTI सांसदों की 15 स्थायी समितियों की सदस्यता भी छीन ली गई है. इनमें साहिबजादा हामिद रजा को मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष पद से, जर्टाज गुल को उसी समिति की सदस्यता से और राय हसन नवाज को रेलवे समिति के अध्यक्ष पद से हटाया गया है.
जानें क्यों हुई यह कार्रवाई?
यह सारा घटनाक्रम तब शुरू हुआ, जब एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने उमर अयूब, शिबली फराज सहित कई PTI नेताओं को दोषी ठहराया. इसके बाद पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) ने उन्हें सार्वजनिक पदों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.
पेशावर हाई कोर्ट ने दी राहत
हालांकि, इस मामले में पेशावर हाई कोर्ट (PHC) ने उमर अयूब और शिबली फराज को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने ECP की अयोग्यता की कार्रवाई को निलंबित कर दिया और 5 अगस्त के नोटिफिकेशन पर आगे की कार्रवाई रोकने का आदेश दिया. कोर्ट ने ECP और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी. कोर्ट ने कहा कि दोनों नेताओं को उनकी अनुपस्थिति में दोषी ठहराया गया था, लेकिन अब वे कोर्ट में पेश हो चुके हैं और उन्हें सुरक्षात्मक जमानत मिल गई है. PTI नेताओं ने लाहौर हाई कोर्ट में अपील के लिए और समय मांगा है. कोर्ट ने ECP की आलोचना करते हुए कहा कि बिना उचित सुनवाई के अयोग्यता का फैसला गलत है.