बहुत होशियार बन रहे थे ट्रंप, पुतिन ने चली ऐसी चाल, यूक्रेन हो जाएगा गदगद, अमेरिका हाथ मलता रहेगा!
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बहुत होशियार बन रहे थे ट्रंप, पुतिन ने चली ऐसी चाल, यूक्रेन हो जाएगा गदगद, अमेरिका हाथ मलता रहेगा!

Putin says he open to meeting Zelensky: रूस और यूक्रेन के बीच पुतिन ने ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद ट्रंप समझ ही नहीं पाएंगे कि यह मेरी खौफ का नतीजा है, या पुतिन की कोई चाल. ट्रंप आए दिन रूस पर दबाव बना रहे हैं कि यूक्रेन के साथ सीजफायर करो, जिसके बाद पूरी दुनिया को पता है कि सीजफायर की क्रेडिट ट्रंप खा जाएंगे. इसके पहले यह सब हो, पुतिन ने ट्रंप के सभी अरमानों पर पानी फेर दिया है. जानें कैसे.

बहुत होशियार बन रहे थे ट्रंप, पुतिन ने चली ऐसी चाल, यूक्रेन हो जाएगा गदगद, अमेरिका हाथ मलता रहेगा!

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सख्त चेतावनी दी थी कि अगर शुक्रवार (8 अगस्त) तक यूक्रेन में युद्धविराम नहीं हुआ, तो रूस पर भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिए जाएंगे. लेकिन पुतिन ने ट्रंप की इस धमकी के बीच ऐसी चाल चली है जिसके बाद यूक्रेन भी गदगद हो जाएगा और ट्रंप के अरमानों पर पानी फिर जाएगा. जानें पूरी खबर.

पुतिन ने क्या चली चाल, समझें पूरी बात
Wion में छपी खबर के मुता‌बिक, क्रेमलिन का कहना है कि पुतिन जेलेंस्की से मिलने को तैयार हैं, लेकिन केवल विशेषज्ञ स्तर की तैयारी के बाद. जेलेंस्की ने हाल ही में सीधी बातचीत का आह्वान किया था और रूसी सैन्य प्रगति के बीच वास्तविक बातचीत का आग्रह किया था. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, "मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि राष्ट्रपति स्वयं विशेषज्ञ स्तर पर आवश्यक कार्य पूरा होने और आवश्यक दूरी तय होने के बाद ऐसी बैठक आयोजित करने की संभावना से इनकार नहीं करते हैं." हालांकि, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी तैयारियां "अभी तक नहीं की गई हैं."

पुतिन की चाल, शांति की बात, शर्त लेकिन क्लियर
यानी रूस की चाहत एक दम क्लियर है कि बिना किसी तीसरे देश के यूक्रेन के साथ विवाद को सुलझाया जाए.अमेरिका की धमकी के बीच पुतिन की यह चतुराई अमेरिका को धक्का लग सकता है. इसी बहाने पुतिन ने अपनी शर्त भी बता दी है जो उनकी दिली चाहत है कि रूस शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन उनकी शर्तें वही रहेंगी - यूक्रेन को तटस्थ (न्यूट्रल) रहना होगा और रूस के कब्जे वाले इलाकों को मान्यता देनी होगी.

दूसरी तरफ जंग में बढ़त बनाने का भी दावा 
पुतिन ने दूसरी तरफ ये भी दावा किया कि उनकी सेना यूक्रेन में "पूरा मोर्चा संभाले हुए है" और वो जंग में आगे बढ़ रहे हैं. पुतिन का कहना है कि वो बातचीत चाहते हैं, लेकिन बिना किसी दबाव के. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "हम ट्रंप की धमकियों को गंभीरता से नहीं लेते. वो समय-समय पर डेडलाइन बदलते रहते हैं."

यूक्रेन में खुशी की लहर
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और पुतिन की आपम में बातचीत एक अच्छा संदेश है. तभी तो जेलेस्की कहते हैं "मैं पुतिन से कभी भी मिलने को तैयार हूं." ज़ेलेंस्की को लगता है कि पुतिन का ये बयान रूस पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का नतीजा है. यूक्रेन को उम्मीद है कि अगर बातचीत शुरू हुई, तो शायद जंग रुक सकती है. यूक्रेन के लोग, जो सालों से रूसी हमलों का सामना कर रहे हैं, इस खबर से उत्साहित हो सकती हैं. हालांकि, वो ये भी जानते हैं कि पुतिन की शर्तें मानना आसान नहीं होगा, क्योंकि वो क्रीमिया और अन्य कब्जे वाले इलाकों को रूस का हिस्सा मानने की मांग कर रहे हैं.

ट्रंप की धमकी का फुस्स हो जाना
इस सब मामले से पहले ट्रंप ने पुतिन को पहले सीजफायर का 50 दिन का समय दिया था, फिर उसे घटाकर 10-12 दिन कर दिया. लेकिन पुतिन ने उनकी धमकी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. रूस का कहना है कि वो जंग में जीत की ओर बढ़ रहा है, और ट्रंप की धमकियां उसे नहीं रोक सकतीं. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तो ट्रंप को "अनिश्चित" और "अप्रत्याशित" तक कह डाला. ट्रंप ने ये भी कहा कि वो अपने विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को रूस भेज रहे हैं, लेकिन रूस ने इस पर हल्का-सा जवाब दिया, "विटकॉफ को देखकर हमेशा खुशी होती है."

अमेरिका की मुश्किल
ट्रंप को लगता था कि उनकी धमकियों से पुतिन दबाव में आ जाएंगे, लेकिन पुतिन ने उल्टा खेल कर दिया. रूस ने न सिर्फ अपनी सैन्य कार्रवाइयां तेज कर दीं, बल्कि उसने चीन के साथ मिलकर जापान सागर में सैन्य अभ्यास भी शुरू कर दिया. इससे ट्रंप की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की धमकियां रूस पर ज्यादा असर नहीं डाल रहीं, क्योंकि पुतिन को लगता है कि वो जंग में जीत रहे हैं.

 ट्रंप को बैकफुट पर ला दिया 
पुतिन की इस चाल ने ट्रंप को बैकफुट पर ला दिया है. यूक्रेन को बातचीत की उम्मीद तो दिख रही है, लेकिन पुतिन की शर्तें उसे मुश्किल में डाल सकती हैं. दूसरी तरफ, ट्रंप की धमकियां हवा में उड़ती दिख रही हैं. दुनिया की नजरें अब इस बात पर हैं कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता हो पाएगा, या ये जंग और लंबी खिंचेगी. अगर रूस और यूक्रेन आपस में जंग रोकने पर सहमति हो जाते हैं तो अमेरिका के लिए यह झटका हो सकता है.  तभी तो ट्रंप आए दिन रूस पर दबाव बना रहे हैं कि यूक्रेन के साथ सीजफायर करो, जिसके बाद पूरी दुनिया बताएं कि सीजफायर हमारी वजह से हुआ. क्या पुतिन ट्रंप के अरमानों पर पानी फेर देंगे. यह समय बताएगा.

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कृष्णा पांडेय

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

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