Trump says US envoy Witkoff to travel to Russia: अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि "हम इजरायल या ईरान नहीं हैं." आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला, क्यों अमेरिका की तरफ से भेजा जा रहा 'दूत'.
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Trump Confirms Special Envoy Steve Russia Visit Sanctions Deadline: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ अगले सप्ताह रूस का दौरा कर सकते हैं. यह दौरा अमेरिकी प्रतिबंधों की समय सीमा को लेकर बढ़ते तनाव के बीच किया जाएगा. रविवार को न्यू जर्सी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "लेकिन स्टीव का ध्यान अभी सीमा पर है, जहां हम गाजा में लोगों को भोजन पहुंचाने के बारे में बात कर रहे हैं, और हो सकता है कि वह अगले हफ्ते, बुधवार या गुरुवार को, रूस जाएं. वे उनसे मिलना चाहेंगे. उन्होंने उनसे मिलने का अनुरोध किया है. तो, देखते हैं क्या होता है."
ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की दी धमकी
ट्रंप ने यह भी पुष्टि की कि अगर यूक्रेन संकट के समाधान पर कोई समझौता नहीं होता है, तो 9 अगस्त तक रूस पर प्रतिबंध लग सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, "लेकिन ऐसा लगता है कि वे प्रतिबंधों से बचने में काफी अच्छे हैं." इस सवाल पर कि क्या रूस प्रतिबंधों से बचने के लिए कुछ कर सकता है, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसके लिए "एक ऐसे समझौते की आवश्यकता होगी जहां लोगों की हत्याएं रुकें."
तनाव के बीच भेज रहे विशेष दूत
अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत, स्टीव विटकॉफ की आगामी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वाशिंगटन और मॉस्को के बीच तनाव बढ़ रहा है. इससे पहले, ट्रंप ने रूस से भिड़ने के लिए दो परमाणु पनडुब्बियों को "उपयुक्त" बिंदुओं पर भेजने का आदेश दिया था. इसके बाद उनके और पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच वाकयुद्ध बढ़ता गया. उनकी लड़ाई तब शुरू हुई जब मेदवेदेव ने इसी हफ्ते एक्स पर पोस्ट किया कि ट्रंप का "हर नया अल्टीमेटम अमेरिका और रूस के बीच एक खतरा और युद्ध की ओर एक कदम है".
क्यों भड़का रूस?
ये तनाव यूक्रेन संकट को लेकर बढ़ा है. ट्रंप ने रूस को 50 दिन का समय दिया था कि वह यूक्रेन के साथ शांति समझौता करे, वरना मास्को और उसके व्यापारिक साझेदारों पर 100% टैरिफ (कर) लगाया जाएगा. लेकिन 29 जुलाई को ट्रंप ने इस समयसीमा को घटाकर 10-12 दिन कर दिया. इसके जवाब में मेदवेदेव ने कहा कि ट्रंप का हर नया बयान दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बढ़ा रहा है.
ट्रंप को याद रखना चाहिए
ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मेदवेदेव (जो अब रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं) ने कहा, "ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम का खेल खेल रहे हैं: 50 दिन या 10 दिन."
हम इजरायल और ईरान नहीं हैं ट्रंप
मेदवेदेव ने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, "उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए: 1. रूस इजरायल या ईरान नहीं है. 2. हर नया अल्टीमेटम एक खतरा और युद्ध की ओर एक कदम है. रूस और यूक्रेन के बीच नहीं, बल्कि उनके अपने देश के साथ. स्लीपी जो वाली राह पर मत जाइए!" (इनपुट आईएएनएस से)