Pakistan on Israel Iran War: क्या ईरानी आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी की हत्या का प्लान पाकिस्तान के मुल्ला मुनीर ने ही रचा था. इस बारे में अब ईरानी मीडिया में जिस तरह की खबरें छनकर बाहर आ रही हैं, उससे 25 करोड़ पाकिस्तानियों की टांगें कांप रही हैं.
Trending Photos
Pakistan Role in killing Iranian Army Chief: पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने जब से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ लंच किया है तभी से इस बात की चर्चा तेज है कि पाकिस्तान अपने बिरादर मुल्क ईरान को धोखा दे सकता है. इसी बीच हुए एक खुलासे ने इन चर्चाओं पर मुहर लगा दी है. ईरानी मीडिया के हवाले से खबर चल रही है कि इजरायली हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी की मौत पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की गद्दारी के चलते हुई थी. अमेरिका और इजरायल ने प्लान बनाया, जिसका मोहरा बना मुनीर. इस खुलासे के बाद अब 25 करोड़ पाकिस्तानी हैरान हैं और कह रहे हैं अरे ये तो मुनीर ही मोसाद निकला.
आप भी जरूर जानना चाहेंगे उस खबर के बारे में..जिसके बारे में सुनकर पाकिस्तानियों की टांगे कांप रही हैं. जिसके बारे में सुनकर हर पाकिस्तानी हैरान है. जिसके बारे में जानकर हर पाकिस्तानी ये सोचने के लिए मजबूर हो गया है कि क्या कोई पाकिस्तानी अपने ही बिरादर भाई को धोखा दे सकता है लेकिन ऐसा हुआ है. धोखा दिया है पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने और इस धोखे का शिकार हुआ है ईरान.
मुनीर ही निकला 'मोसाद', ईरान को कर दिया बर्बाद
जी हां, इसे सदी का सबसे बड़ा खुलासा कह सकते हैं. इस्लामिक राष्ट्र का हवाला देकर इजरायल के खिलाफ जंग में साथ खड़े होने का दम भरने वाले आसिम मुनीर ने ईरान को गले लगाकर उसकी पीठ में छुरा घोंप दिया. आपको याद होगा बीती 13 जून को इजरायल ने ईरान में परमाणु सुविधाओं और उसके सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर भीषण हवाई हमले किए थे.
ऑपरेशन राइजिंग लायन के नाम से हुए इस इजरायली हमले में ईरान के कई कमांडरों के साथ आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी की भी मौत हो गई थी. इसी के बाद से ये सवाल उठ रहा था कि आखिर इजरायल को बघेरी की सटीक लोकेशन की जानकारी कैसे मिली. इजरायल को कैसे पता था कि बघेरी किस वक्त, कहां पर मौजूद होगे.अब इन सवालों का जवाब मिल गया है.
मुनीर की घड़ी बनी बाघेरी का 'काल'
ईरानी मीडिया का दावा है कि ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी की लोकेशन पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने लीक की थी. ये तस्वीरें 27 मई 2025 की हैं. जब पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ईरान दौरे पर पहुंचा था. मुनीर ने तेहरान में जनरल स्टाफ मुख्यालय का दौरा किया था. मुनीर के इरादों से बेखबर ईरान ने उसका जोरदार स्वागत किया था. इस दौरान मुनीर ने ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी से भी मुलाकात की थी.
इस मुलाकात में सीमा सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और सैन्य सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी लेकिन उस वक्त किसी को अंदाज़ा नहीं था कि ये तस्वीरें और यह दौरा कुछ ही हफ्तों में रहस्य और साज़िश का चेहरा बनकर सामने आ जाएंगी. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं. उसे समझने के लिए ये दो घटनाएं जानिए.
पहली घटना तब की है..जब मुनीर ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बघेरी से मिल रहा था. जबकि दूसरी तस्वीर उस घ़ड़ी की है. जो मुनीर ने मोहम्मद बघेरी को तोहफे में दी थी. ईरानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि यह घड़ी महज एक लक्ज़री एक्सेसरी नहीं थी बल्कि यह एक GPS बीकन से लैस डिवाइस थी. जिससे इसे पहनने वाले शख्स की हर गतिविधि, हर लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता था.
19 दिन बाद हमले में बाघेरी की मौत
दावा किया जा रहा है कि मुनीर ने ये घड़ी बघेरी को सोच समझकर गहरी साजिश के तहत गिफ्ट की थी. ये भी दावा किया जा रहा है कि ये पूरा प्लान अमेरिका के इशारे पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने मिलकर तैयार किया था. इसी घड़ी के जरिए बघेरी की सटीक लोकेशन इजरायल को पता चली और उसने बघेरी को ढेर कर दिया.
मुनीर से गिफ्ट में मिली घड़ी पहनने के 19 दिन बाद जनरल बघेरी की मौत इजरायली हवाई हमले में हो गई. अगर यह ट्रैकिंग डिवाइस वाली घड़ी बघेरी के पास थी तो इससे उनके मूवमेंट को ट्रेस कर पाना किसी उन्नत खुफिया एजेंसी के लिए कोई मुश्किल काम नहीं था क्योंकि GPS बीकन ऐसे उपकरण होते हैं जो रीयल-टाइम लोकेशन डेटा भेजने में सक्षम होते हैं.
इस घड़ी के जरिए जनरल बघेरी की हर गतिविधि, उनकी चाल, बैठकों का समय, ठिकानों की पोजीशन खुली किताब बन गई थी. बघेरी को दी गई इस घड़ी ने ईरान के सैन्य ठिकानों, रणनीतिक बैठकों और दूसरी संवेदनशील जानकारियों तक इजरायल की पहुंच आसान कर दी.
मुनीर के धोखे से गुस्से में ईरान
मुनीर के घड़ी वाले इस खेल के खुलासे के बाद से घमासान मचा हुआ है. इस खबर को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि ना तो इस पर पाकिस्तान की तरफ से कोई सफाई आई है और ना ही ईरान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया. ऐसा शायद इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की रग रग स दुनिया वाकिफ है और अब शायद ईरान भी उसके चरित्र को समझ गया है.
अब मुनीर के इस धोखे को उसके अमेरिका दौरे ने और बल दे दिया है. जिस तरह से पाकिस्तान अमेरिका की गोद में जाकर बैठ गया है. उससे ये चर्चा तेज है कि ईरान के खिलाफ पाकिस्तान अपने सैन्य अड्डों के इस्तेमाल की छूट भी देने वाला है. हालांकि कहा ये जा रहा है कि ऐसा करना पाकिस्तान के लिए अपनी कब्र खोदने जैसा है. चर्चा है कि चीन को पाकिस्तान के धोखे की खबर लग चुकी है और वो बुरी तरह भड़का हुआ है.
अगर यह साबित हो जाता है कि पाकिस्तान ने किसी तीसरे देश विशेष रूप से इजरायल या अमेरिका की मदद से ट्रैकिंग डिवाइस जनरल बघेरी को सौंपा तो यह ईरान-पाकिस्तान रिश्तों में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और चीन के रिश्तों में भी ऐतिहासिक दरार ला सकता है. साथ ही ये घटना भविष्य के राजनयिक समीकरणों को पूरी तरह से उलट सकती है..जिसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ सकता है.
आगे कुआं और पीछे खाई वाला हाल
गले तक कर्ज में डूबा पाकिस्तान अमेरिका के खिलाफ जाने की हिम्मत जुटा नहीं पाएगा. ट्रंप इस बात को समझ रहे थे. इसीलिए उन्होंने ईरान के खिलाफ उसे मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया.
पाकिस्तान ईरान के खिलाफ जाकर इजरायल और अमेरिका का मोहरा बन तो गया लेकिन इससे उसकी मुश्किलें कम होने की बजाए बढ़ने ही वाली हैं. अब वो ईरान के सामने बेनकाब हो चुका है. मुनीर ही मोसाद है ये बात ईरान समझ चुका है. चीन भी मुनीर की चाल समझ गया है. ईरान की बर्बादी के सहारे मुस्लिम देशों का खलीफा बनने की पाकिस्तान की हसरत ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा है. उसके लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाला हाल हो गया है.