या अल्लाह! ये क्या हुआ? सऊदी आकर भी 2,70,000 मुसलमान नहीं जा पाएंगे मक्का; क्यों आया ये फरमान
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या अल्लाह! ये क्या हुआ? सऊदी आकर भी 2,70,000 मुसलमान नहीं जा पाएंगे मक्का; क्यों आया ये फरमान

Hajj 2025:  रविवार तक करीब 14 लाख आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड हाजी मक्का पहुंच चुके हैं, और आने वाले दिनों में और भी हाजियों के पहुंचने की उम्मीद है. लेकिन इस बीच सऊदी अरब प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए 2.7 लाख हज यात्री के मक्का में एंट्री करकने पर पाबंदी लगा दी है.  

या अल्लाह! ये क्या हुआ? सऊदी आकर भी 2,70,000 मुसलमान नहीं जा पाएंगे मक्का; क्यों आया ये फरमान

Hajj 2025: सऊदी अरब ने इस साल हज यात्रा से पहले सिक्योरिटी के मद्देनज़र लगभग 2.7 लाख जायरीन को मक्का में एंट्री करने से रोक दिया है. यह कदम खास तौर से गैर-कानूनी तरीके से बिना इजाजत के आने वाले तीर्थयात्रियों को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी तरह का हादसा या जान का खतरा टाला जा सके.

रविवार तक करीब 14 लाख आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड हाजी मक्का पहुंच चुके हैं, और आने वाले दिनों में और भी हाजियों के पहुंचने की उम्मीद है. समाचार एजेंसी एपी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मक्का में हज जायरीन के एंट्री को प्रतिबंधित करने के कदम कोबिना इजाजत एंट्री पर व्यापक कार्रवाई के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.

4 लाख रुपये का जुर्माना
पिछले साल गर्मी के कारण हुई मौतों को देखते हुए इस बार सऊदी सरकार ने हज यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं. सरकार ने बताया कि गैर-कानूनी तरीके से हज में शामिल होने वाले लोगों की वजह से पिछले साल कई जानें गई थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल बिना इजाजत हज में शामिल होने पर $5,000 (लगभग 4 लाख रुपये) का जुर्माना, देश से निकाले जाने और अन्य सख्त सज़ाओं का प्रावधान किया गया है.

यह नियम सऊदी नागरिकों और वहां के लोकल लोगों पर भी लागू हैं. मक्का में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल-ओमारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा "तीर्थयात्री हमारी नज़र में हैं, और जो कोई भी अवज्ञा करता है वह हमारे हाथों में है.

23,000 लोगों पर कार्रवाई
वहीं, सऊदी अफसरों ने जानकारी दी कि अब तक 23,000 से ज्यादा लोकल लोगों को हज नियमों का उल्लंघन करने पर सज़ा दी जा चुकी है और लगभग 400 हज सेवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. भीड़ की निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस बार हज के दौरान ड्रोन की भी तैनाती की जाएगी. ये ड्रोन निगरानी, आग बुझाने और इणरजेंसी हालत में मदद करने के लिए काम करेंगे.

इस्लाम में हज  
हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और हर सक्षम मुस्लिम के लिए जीवन में एक बार इसे करना लाजिम माना गया है. हाल के सालों में मौसम की मार और भारी भीड़ ने हज को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, जिसे देखते हुए इस साल सिक्योरिटी को सबसे ज्यादा तरजीह दी जा रही है.

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मोहम्मद अमजद शोएब

मोहम्मद अमजद शोएब पूर्णिया से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे. जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. अमजद को क्रिकेट से बेइंतहा मोहब्बत है. स्पोर्ट्स उनकी ज़िन्दगी है. इसी अटूट रिश्ते ने उन्हें पत्र...और पढ़ें

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