BR Ambedkar: जब RSS और हिंदू महासभा ने फूंके अंबेडकर के पुतले, बाबासाहेब पर लगे हिंदू विरोधी होने के आरोप!
Advertisement
trendingNow12565025

BR Ambedkar: जब RSS और हिंदू महासभा ने फूंके अंबेडकर के पुतले, बाबासाहेब पर लगे हिंदू विरोधी होने के आरोप!

BR Ambedkar and RSS: देश में बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर सियासत तेज हो रही है. कांग्रेस ने भाजपा पर अंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगाया. जबकि भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाबासाहेब को चुनाव हराया. चलिए जानते हैं कि RSS ने बाबासाहेब का विरोध क्यों किया था.

BR Ambedkar: जब RSS और हिंदू महासभा ने फूंके अंबेडकर के पुतले, बाबासाहेब पर लगे हिंदू विरोधी होने के आरोप!

नई दिल्ली: BR Ambedkar and RSS: देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर पर सदन में टिप्पणी की. इसके खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया. 12 सेकेंड की एक क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई, जिसमें शाह सदन में अपनी बात रखते हुए नजर आ रहे हैं. इसके बाद अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद का पक्ष रखा और आरोप लगाया कि विपक्ष ने उनकी बात को तरोड़-मरोड़कर पेश किया है. 

  1. अंबेडकर लाए थे हिंदू कोड बिल
  2. RSS ने किया था इसका विरोध

बाबासाहेब का हितैषी कौन
इसी बीच ये बहस छिड़ गई है कि बाबासाहेब अंबेडकर का असल हितैषी कौन है. गृह मंत्री शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबासाहेब को चुनाव हराया, ये उनका सम्मान नहीं करते. जबकि इतिहास के पन्नों में इस बात का भी जिक्र है कि भारतीय जनसंघ और RSS ने भी बाबासाहेब का कुछ मौकों पर विरोध किया था. जब वे कानून मंत्री थे, तब उनके पुतले तक फूंके गए थे.

अंबेडकर लाना चाहते थे हिंदू कोड बिल
यह तब की बात है जब डॉ. अंबेडकर देश के कानून मंत्री हुआ करते थे. नेहरू और अंबेडकर देश की महिलाओं को समान अधिकार देना चाहते थे. इसके लिए वे हिंदू कोड बिल लाना चाहते थे. यह बिल महिलाओं को संपत्ति में समान हिस्सा, तलाक लेने और अंतरजातीय विवाह कैसे अधिकार देता. इसके अलावा, हिंदू पुरुषों को एक से अधिक शादी करने से रोकता. लेकिन इस बिल का कांग्रेस के दक्षिणपंथी धड़े, RSS, हिंदू महासभा, अखिल भारतीय राम राज्य परिषद ने विरोध किया. अखिल भारतीय राम राज्य परिषद ही आगे चलकर भारतीय जनसंघ में शामिल हुई, जो फिर BJP बनी.

जब बाबासाहेब के पुतले जलाए गए
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब 'इंडिया आफ्टर गांधी' में लिखा- हिंदू कोड बिल विरोधी समिति ने देशभर में सैकड़ों बैठकें की, इनमें हिंदू कोड बिल की जमकर निंदा की गई. बिल का विरोध करने वालों ने खुद को धार्मिक युद्ध (धर्मयुद्ध) लड़ने वाले धार्मिक योद्धाओं (धर्मवीर) के तौर पर पेश किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने इस बिल के खिलाफ चलाए. 11 दिसंबर, 1949 को दिल्ली के रामलीला मैदान में RSS ने सार्वजनिक बैठक आयोजित की. यहां पर एक वक्ता ने इस बिल को ‘हिंदू समाज पर एटम बम से प्रहार’ बताया. प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल और कानून मंत्री डॉ. अंबेडकर के पुतले जलाए.

दुखी बाबासाहेब ने दे दिया इस्तीफा
इसका नतीजा ये रहा कि कांग्रेस को यह बिल वापस लेना पड़ा. डॉ. अंबेडकर ने अपने निकटतम राजनीतिक सहयोगी भाऊराव कृष्णराव दादासाहेब गायकवाड़ को 23 सितंबर 1951 को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने कहा- 'मैंने 6 अक्टूबर या उसके आसपास इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है. इसी तारीख पर हिंदू कोड बिल पास होना था. लेकिन अब लगता है कि इसके पास न होने की संभावना अधिक है. इसलिए मैं पशोपेश में हूं. सत्र शायद 15 अक्टूबर तक खिंचेगा. मैं 15 तक तो सरकार का सदस्य रहूंगा.' फिर बाबासाहेब ने साल 1951 में ही कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

ये भी पढ़ें- 'मैं ऐसी पार्टी से हूं जो कभी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती': अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशाना

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

About the Author
author img
रौनक भैड़ा

आप मुझसे ronakbhaira58@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.  

...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;