भारतीय सेना के 'जंगी कवच' पर फिदा हुआ ये यूरोपीय देश, विदेशी धरती पर दुश्मनों का काल बनेगा देसी व्हैप व्हीकल
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भारतीय सेना के 'जंगी कवच' पर फिदा हुआ ये यूरोपीय देश, विदेशी धरती पर दुश्मनों का काल बनेगा देसी व्हैप व्हीकल

भारत में डेवलप किए गए जंगी हथियारों की ग्लोबल मार्केट में मांग बढ़ती ही जा रही है. हाल ही में एक यूरोपीय देश ने भारतीय सेना के देसी व्हैप व्हीकल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.

भारतीय सेना के 'जंगी कवच' पर फिदा हुआ ये यूरोपीय देश, विदेशी धरती पर दुश्मनों का काल बनेगा देसी व्हैप व्हीकल

Indian army weapons: ग्लोबल डिफेंस मार्केट में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में, एक यूरोपीय देश भारत में बनी एक खास जंगी गाड़ी 'व्हैप 8x8' से खासा प्रभावित हुआ है. बता दें, इस व्हीकल को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) ने तैयार किया है, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा और जबरदस्त मारक क्षमता के लिए जानी जाती है

  1. हर हालात में चलने में सक्षम है व्हैप 8x8 व्हीकल
  2. भारतीय सेना के प्रमुख जंगी वाहनों में से एक

क्या है व्हैप 8x8 व्हीकल और इसकी खासियत?
व्हैप 8x8 Wheeled Armoured Platform को 'केस्ट्रेल' नाम से भी जाना जाता है, भारत का अपना एम्फीबियस इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल है. जिसे DRDO के साथ मिलकर डेवलप किया गया है. यह एक ऐसा रक्षा कवच है, जो सैनिकों को सुरक्षित रखते हुए जंग के मैदान में भारी बढ़त दिलाता है, यह किसी भी मुश्किल इलाके में काम करने में सक्षम है.

इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) या आर्म्ड पर्सनल कैरियर (APC) दोनों तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही, यह एक बार में 12 सैनिकों को ले जा सकता है और इस पर 30mm ऑटो कैनन, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और रिमोट-कंट्रोल्ड वेपन स्टेशन जैसे घातक हथियार भी लगाए जा सकते हैं.

जमीन और पानी का बेजोड़ जंगी साथी
वहीं, इसकी खास एम्फीबियस कैपेबिलिटीज और इंडिपेंडेंट सस्पेंशन सिस्टम इसे रेगिस्तान, पहाड़ों और पानी जैसी हर मुश्किल जगह पर आसानी से चलने में मदद करते हैं.

साथ ही, यह दुश्मन के 14.5mm आर्मर-पियर्सिंग राउंड्स से भी सुरक्षा देता है, और इसमें RPGs व IEDs के खिलाफ मजबूती के लिए खास आर्मर लगाने का ऑप्शन भी है. 

ग्रीस ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी
रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन आर्मी इसे पहले से ही इस्तेमाल कर रही है और लद्दाख व राजस्थान के पोखरण रेंज में हुए कड़े ट्रायल्स में इसने अपनी ताकत साबित की है.

ऐसे में, ग्रीस की सेना ने इस प्लेटफॉर्म में इसलिए दिलचस्पी दिखाई है, क्योंकि उन्हें ऐसे ही मल्टी-रोल व्हीकल्स की जरूरत है जो उनकी जमीन पर मौजूद सेना को मॉडर्न बनाने की प्राथमिकता से मेल खाते हों.

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प्रशांत सिंह

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