भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों हुई जंग के दौरान LoC पर बंकरों की कमी काफी महसूस की गई. इन बंकरों को सैनिकों के साथ-साथ उस इलाके में रहने वाले आम लोगों की भी सुरक्षा करते हैं.
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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे वक्त से दुश्मनी का दौर चला आ रहा है. यह तनाव वक्त के साथ बढ़ता ही रहता है. दोनों देशों के बीच LoC पर सबसे ज्यादा टेंशन देखने को मिलती है. पाकिस्तान अक्सर यहां फायरिंग करता रहता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपनी नापाक हरकत दिखाते हुए बॉर्डर से सटे हुए इलाकों में हमले शुरू कर दिए. पाकिस्तान की ऐसी ही हरकतों को देखते हुए अब आम नागरिकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बंकर बनाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं.
मुख्य सचिव ने दी जानकारी
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अचल डुल्लू के अनुसार, भारत-पाकिस्तान की सीमा पर जम्मू-कश्मीर में इस समय 9500 बंकर हैं. उनका कहना है कि सीमा पर रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए और ज्यादा बंकरों का निर्माण करने की योजना बनाई जा रही है. मुख्य सचिव ने इस बात की जानकारी दी है कि बंकरों की मांग बढ़ती जा रही है और सरकार की ओर से लगातार इसका निर्माण भी हो रहा है. मुख्य सचिव के अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी बंकरों को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं.
लाइफ लाइन बनते हैं बंकर
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला का कहना है कि तनाव बढ़ने के समय में बंकर लाइफ लाइन की तरह काम करते हैं. संवेदनशील जगहों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए हम और बंकरों का निर्माण सुनिश्चित करेंगे. उनका कहना है कि लोगों की सुरक्षा के लिए इन बंकरों को बनाने का मुद्दा वह केंद्र सरकार के समक्ष भी पेश करेंगे. कुछ बंकरों की कमी सैन्य इलाकों में भी है, इनकी संख्या बढ़ने तनाव के समय सुविधा रहेगी.
परिवारों के लिए भी मददगार हैं बंकर
राजौरी, सांबा और पुंछ जैसे इलाकों में बंकर बनाना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि यहां सैनिक अपने परिवारों के साथ रहते हैं. वहीं, पिछले ही दिनों पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान सैनिकों को देशभर के लोगों के साथ-साथ अपने परिवारों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7-10 मई तक जब भारत और पाकिस्तान के बीच जब पाकिस्तान LoC पर हमले कर रहा था, तब कई लोगों ने इन्हीं बंकरों में छिपकर अपनी जान बचाई थी.
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