Indian Army command post vehicles: ये नए कमांड पोस्ट वाहन सेना की मूमेंट और सुरक्षित कमांड सेंटर प्रदान करेंगे, जिससे वे कठिन इलाकों में भी बिना रुकावट के आवाजाही कर सकेंगे. वहीं, जरूरत पड़ने पर यह वाहन इंडियन आर्मी की नई ताकत भी बन सकते हैं.
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Indian Army command post vehicles: भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मंत्रालय ने ऊंची-ऊंची जगहों पर इस्तेमाल होने वाले 39 'कैरियर कमांड पोस्ट ट्रैक किए गए वाहनों' के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन यानी RFI जारी किया है. इन अत्याधुनिक वाहनों का उद्देश्य भारतीय सेना के युद्ध प्रबंधन और संचार क्षमताओं को दुर्गम पहाड़ी और हाई-अल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में बढ़ाना है.
क्या हैं ये कैरियर कमांड पोस्ट ट्रैक किए गए वाहन?
कैरियर कमांड पोस्ट ट्रैक किए गए वाहन, ऐसे विशेष सैन्य वाहन होते हैं जिन्हें युद्ध क्षेत्र में एक मोबाइल कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में डिजाइन किया जाता है. 'ट्रैक किए गए' होने का मतलब है कि ये टायरों की जगह ट्रैक (जैसे टैंक में होते हैं) पर चलते हैं, जिससे ये मिट्टी, बर्फ, चट्टानों और अन्य कठिन इलाकों में भी आसानी से चल सकते हैं.
वहीं, इनका मुख्य काम सैनिकों और कमांडरों को युद्ध की स्थिति में एक सुरक्षित, एकीकृत और तेज प्लेटफॉर्म प्रदान करना होता है, जहां से वे संचार, सूचना शेयरिंग और सामरिक निर्णय ले सकें.
इंडियन आर्मी को क्यों है इनकी जरूरत?
भारतीय सेना को इन वाहनों की सबसे ज्यादा जरूरत ऊंची-ऊंची जगहों जैसे हिमालयी सीमा पर है, जहां का इलाका बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. इन क्षेत्रों में पारंपरिक वाहन ठीक से काम नहीं कर पाते. ये नए ट्रैक किए गए वाहन सेना को दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने, तुरंत निर्णय लेने और सैनिकों को निर्देश देने में मदद करेंगे, जिससे दुर्गम इलाकों में भी सेना की प्रतिक्रिया समय और प्रभावशीलता में सुधार होगा.
क्या होगी इन वाहनों की खासियत?
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी RFI में इन वाहनों के लिए कई विशेषताओं का जिक्र किया गया है. इनमें नवीनतम संचार उपकरण लगे होंगे जो अत्यधिक ऊंचाई पर भी निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे.
वहीं, इन्हें दुश्मन के हमलों से बचाने के लिए अच्छी तरह से बख्तरबंद किया जाएगा, जिससे अंदर मौजूद कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. साथ ही, इन्हें विशेष रूप से ऊंची और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में प्रभावी ढंग से चलने के लिए डिजाइन किया जाएगा.
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