पहाड़ों से लेकर मैदानों तक 'अपाचे' का दबदबा, भारतीय सेना के लिए आ रहे ये खूंखार हेलीकॉप्टर; दुश्मन के लिए हर मोर्चे पर मौत का साया
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पहाड़ों से लेकर मैदानों तक 'अपाचे' का दबदबा, भारतीय सेना के लिए आ रहे ये खूंखार हेलीकॉप्टर; दुश्मन के लिए हर मोर्चे पर मौत का साया

भारतीय सेना को अब दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक, AH-64E अपाचे गार्जियन की पहली खेप मिलने वाली है. ये हेलीकॉप्टर अपनी सटीक मारक क्षमता, हर-मौसम में उड़ान भरने और एडवांस सेंसर के साथ भारतीय सेना की जमीनी युद्ध क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देंगे.

पहाड़ों से लेकर मैदानों तक 'अपाचे' का दबदबा, भारतीय सेना के लिए आ रहे ये खूंखार हेलीकॉप्टर; दुश्मन के लिए हर मोर्चे पर मौत का साया

आधुनिक युद्ध के मैदान में, जमीनी बलों का साथ देने और दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों व ठिकानों को नष्ट करने के लिए अटैक हेलीकॉप्टरों की भूमिका निर्णायक होती है. इसी क्षमता को और मजबूत करने के लिए भारतीय सेना एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. खबर है कि भारतीय सेना को अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग द्वारा निर्मित दुनिया के सबसे शक्तिशाली अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक, AH-64E अपाचे गार्जियन की पहली खेप जल्द ही प्राप्त होने वाली है. ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के बेड़े में पहले से ही शामिल हैं, लेकिन अब भारतीय सेना की अपनी एविएशन कोर में इन्हें शामिल करने से जमीन पर युद्ध लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

  1. अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्टर से बढ़ेगी मारक क्षमता
  2. भारत के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर

क्या है AH-64E अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्टर?
AH-64E अपाचे गार्जियन को दुनिया का सबसे एडवांस और युद्ध-सिद्ध अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है. इसे सभी मौसमों और दिन-रात के ऑपरेशन के लिए, अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित किया गया है. यह अपनी सटीकता, सहनशक्ति और भारी गोलाबारी क्षमता के लिए जाना जाता है.

क्यों इसे कहते हैं 'उड़ने वाला टैंक'?
यह लेजर-निर्देशित AGM-114 हेलफायर मिसाइलों से लैस होता है, जो दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को सटीक निशाना बनाने में सक्षम हैं. साथ ही, इसमें FIM-92 स्टिंगर मिसाइलें भी लग सकती हैं, जिससे यह हवाई लक्ष्यों को भी मार गिरा सकता है.

इसमें 70mm के रॉकेट पॉड्स और एक 30mm चेन गन भी होती है. साथ ही, इसके मस्तूल पर लगा AN/APG-78 लॉन्गबो रडार दुश्मनों को दूर से ही ट्रैक कर सकता है और कई लक्ष्यों पर एक साथ नजर रख सकता है.

वहीं, अत्याधुनिक सेंसर, नाइट विजन सिस्टम और पायलटों के लिए टारगेट सिस्टम होते हैं, जिससे वे सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं.

सेना का अपना अटैक हेलीकॉप्टर बेड़ा
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं. लेकिन, अब भारतीय सेना को भी अपने विशेष युद्धक्षेत्र की जरूरतों के लिए अटैक हेलीकॉप्टर मिल रहे हैं, यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव है. जिससे सेना के अपने अटैक हेलीकॉप्टर होने से जमीनी बलों के साथ उनका समन्वय और एकीकरण बहुत बेहतर होगा.

साथ ही, ये हेलीकॉप्टर सीधे जमीनी सैनिकों को युद्ध के मैदान में करीबी हवाई समर्थन प्रदान कर सकेंगे, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी हमले संभव होंगे.

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