Kargil War: भारत ने 17000 फीट की ऊंचाई पर पाक को चटाई थी धूल, शौर्य का किस्सा ऐसा कि बॉलीवुड बना चुका फिल्म!
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Kargil War: भारत ने 17000 फीट की ऊंचाई पर पाक को चटाई थी धूल, शौर्य का किस्सा ऐसा कि बॉलीवुड बना चुका फिल्म!

Kargil War: 1999 के कारगिल युद्ध में टाइगर हिल की लड़ाई सबसे ऊंची और कठिन थी. भारतीय सेना ने माइनस तापमान और दुश्मन की भारी गोलीबारी के बीच चोटी पर कब्जा किया. कैप्टन विक्रम बत्रा जैसे वीरों ने अपना साहस दिखाया. यह जंग देश के गर्व और जीत की पहचान बनी.

Kargil War: भारत ने 17000 फीट की ऊंचाई पर पाक को चटाई थी धूल, शौर्य का किस्सा ऐसा कि बॉलीवुड बना चुका फिल्म!

Kargil War: 1999 का कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और बलिदान की मिसाल है. लेकिन इस जंग में एक लड़ाई ऐसी थी, जो सबसे ऊंची, सबसे मुश्किल और सबसे यादगार रही टाइगर हिल की लड़ाई. यह लड़ाई सिर्फ एक चोटी पर कब्जा करने की नहीं थी, बल्कि पूरे देश की इज्जत और आत्मसम्मान की लड़ाई थी.

  1. टाइगर हिल पर हुई सबसे कठिन जंग
  2. कैप्टन विक्रम बत्रा ने दिखाया शौर्य

टाइगर हिल क्यों था इतना अहम?
टाइगर हिल कारगिल की सबसे ऊंची चोटी है, जिसकी ऊंचाई लगभग 17000 फीट है. यह चोटी श्रीनगर-लेह हाइवे पर पूरी नजर रखती थी. अगर यह दुश्मन के कब्जे में रहती, तो हमारी सप्लाई लाइन खतरे में पड़ जाती. पाकिस्तान की सेना ने इस पर पहले से कब्जा जमा लिया था और ऊंचाई का फायदा उठाकर भारी फायरिंग कर रही थी.

बिना ऑक्सीजन और माइनस टेम्परेचर में चढ़ाई
भारतीय सैनिकों को लगभग सीधी दीवार जैसी चढ़ाई करनी थी, वो भी रात के अंधेरे में, माइनस डिग्री तापमान में और दुश्मन की भारी गोलीबारी के बीच. यह मिशन आसान नहीं था, क्योंकि उस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और ठंडी हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है.

17 जाट, 18 ग्रेनेडियर्स और घातक कमांडोज का दम
18 ग्रेनेडियर्स बटालियन और 17 जाट रेजिमेंट ने मिलकर इस मिशन को अंजाम दिया. इसके अलावा GHATAK कमांडोज यानी स्पेशल फोर्स भी इस ऑपरेशन में शामिल थीं. एक बड़ी स्ट्रैटजी यह थी कि हमला अचानक करना है, ताकि दुश्मन को संभलने का मौका ना मिले. हमारे जवानों ने चुपचाप, रात के वक्त चढ़ाई की और बेहद करीब से हमला किया.

कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता
कैप्टन विक्रम बत्रा, जिन्होंने 'ये दिल मांगे मोर' जैसे शब्दों से पूरे देश का दिल जीत लिया, इसी मिशन का हिस्सा थे. उन्होंने ना सिर्फ अपने साथी जवानों की जान बचाई, बल्कि सामने से दुश्मन को खत्म किया. इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.

टाइगर हिल पर लहराया तिरंगा
करीब 6 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर फिर से अपना दबदबा कायम कर लिया. चोटी पर तिरंगा फहराया गया और पूरे देश ने राहत की सांस ली. यह कारगिल युद्ध की सबसे बड़ी जीतों में से एक थी. बॉलीवुड ने इस पर LOC Kargil और Shershaah  जैसी फिल्में भी बनाई हैं.

टाइगर हिल कहां स्थित है?
जम्मू-कश्मीर के द्रास सेक्टर में स्थित है.

टाइगर हिल की ऊंचाई कितनी है?
लगभग 17,411 फीट (5307 मीटर) ऊंची चोटी है.

टाइगर हिल पर लड़ाई कब हुई थी?
यह लड़ाई मई के अंतिम सप्ताह से जून 1999 के दूसरे सप्ताह तक चली थी.

किसने टाइगर हिल पर जीत हासिल की?
भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर विजय पाई.

कैप्टन विक्रम बत्रा की क्या भूमिका थी?
13 JAK राइफल्स के एक अधिकारी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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