LoC NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों को 'पृथ्वी के अंत तक' खदेड़ने का वादा करते हुए कड़ी कार्रवाई की कसम खाई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चेतावनी दी कि सिंधु जल संधि में किसी भी तरह के बदलाव को 'युद्ध की कार्रवाई' के रूप में देखा जाएगा.
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Pakistan Secret tunnels: पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने और दोनों देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष के दौरान संभावित रूप से सैनिकों को दूसरी तरफ भेजने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) के पार गहरी सुरंगें खोदी हैं. यह हिंदुस्तान टाइम्स ने सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से कहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि BSF और सेना को घुसपैठ के लिए इस्तेमाल की जा रही गहरी भूमिगत सुरंगों की संभावना की जांच करने का निर्देश दिया गया है. नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने HT को बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद, उन्हें 'यह पता लगाने का निर्देश दिया गया था कि क्या पाकिस्तान ने घुसपैठ को आसान बनाने और यहां तक कि किसी भी सशस्त्र संघर्ष की स्थिति में सैनिकों को भेजने के लिए खाइयों के नीचे बहुत गहरी सुरंगें खोदने में कामयाबी हासिल की है?'
रिपोर्ट में BSF, सेना और खुफिया अधिकारियों के अनुसार, 'पाकिस्तान ने पूर्व सैनिकों को सीमा के पास तैनात किया है, ताकि वे सबसे पहले प्रतिक्रिया दे सकें और अपनी ओर से सुरंग खोदने के अभियान में सहायता कर सकें.'
सुरंगों में ऑक्सीजन पाइप भी
2020 में सुरक्षा बलों द्वारा कई सुरंगों का पता लगाया गया. इनमें से एक 500 मीटर लंबी और 30 मीटर गहरी थी.अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी गतिविधियों को छिपाने के लिए सीमा के पास के इलाकों में ऊंची-ऊंची हाथी घास उगाने की अनुमति दी है.
एक तीसरे अधिकारी ने कहा कि सुरंग पाकिस्तानी क्षेत्र में लगभग 200 मीटर तक फैली हुई थी और इसमें ऑक्सीजन पाइप लगा हुआ था, ताकि घुसपैठियों को सीमा पार करने के लिए इंतजार करते समय सांस लेने में मदद मिल सके.
पुलवामा और नगरोटा कैंप पर हमले में सुरंग से एंट्री
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भतीजा और 2019 के पुलवामा हमले के पीछे मुख्य लोगों में से एक उमर फारूक अप्रैल 2018 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग के जरिए भारत में दाखिल हुआ था. इसी तरह, 2016 के नगरोटा कैंप हमले के पीछे चार हमलावरों ने भी सीमा पार करने के लिए एक सुरंग का इस्तेमाल किया था.
अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, 'जबकि हमने एंटी-टनल तकनीक तैनात की है और पूरी सीमा पर भौतिक निरीक्षण किया है, लेकिन हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि पाकिस्तान ने भारतीय सीमा पर बहुत गहरी सुरंगें खोदी हैं या नहीं, जो पता नहीं चल पाई हैं.'
बता दें कि 2001 से भारत ने आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 22 सुरंगों की खोज की है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि और भी सुरंगें हो सकती हैं.
घुसपैठ रोकने के लिए LoC पर एंटी-टनलिंग ऑपरेशन
इस साल जनवरी की शुरुआत में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने यह चेक करने के लिए बड़े पैमाने पर महीनों तक चलने वाला अभियान शुरू किया कि क्या आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुसने के लिए सुरंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं? यह खुफिया इनपुट के बीच किया गया था, जिसमें घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि की चेतावनी दी गई थी.
अभ्यास के दौरान, पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) के 33 किलोमीटर के हिस्से में, भूमिगत घुसपैठ को रोकने के लिए 25 किलोमीटर तक एंटी-टनलिंग खाइयां खोदी गईं. यह कदम खुफिया रिपोर्टों द्वारा इस साल घुसपैठ के उच्च जोखिम की चेतावनी दिए जाने के बाद उठाया गया था.
पहलगाम आतंकी हमला
पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू और कश्मीर में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें विदेशी नागरिकों सहित कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने जिम्मेदारी ली.
जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और उस पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया. भारत ने राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, नई दिल्ली में पाकिस्तान की राजनयिक उपस्थिति को कम कर दिया. अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया.
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा कि वह 1972 के शिमला समझौते से हट जाएगा और वाघा सीमा को बंद कर देगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों को 'पृथ्वी के अंत तक' खदेड़ने का वादा करते हुए कड़ी कार्रवाई की कसम खाई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चेतावनी दी कि सिंधु जल संधि में किसी भी तरह के बदलाव को 'युद्ध की कार्रवाई' के रूप में देखा जाएगा.
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